सांसद संजय राउत (pic credit; social media)
मुंबई: सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनके पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के बीच गठबंधन होना जरूरी है और यह गठबंधन राज्य को नयी दिशा देगा। शिवसेना (UBT) के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोख ठोक’ में राउत ने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का महाराष्ट्र की एकता और मराठी अस्मिता की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति पहले मुंबई को लूटना, फिर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाना और अलग विदर्भ का खेल खेलना और महाराष्ट्र का अस्तित्व ही खत्म कर देना है।
संजय राउत ने कहा कि लोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नहीं भूले हैं, जब उन्हें नागपुर में आंदोलन के दौरान ‘विदर्भ मेरा एकमात्र राज्य है’ संदेश वाली तख्तियां हाथ में लिए देखा गया था। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अगर ठाकरे भाइयों और उनके नेतृत्व की एकता बरकरार नहीं रही तो मुंबई अदाणी-लोढ़ा की जेब में चली जाएगी और एक दिन मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं रहेगी।
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मराठी लोगों के हित के लिए एकजुट होना मुश्किल नहीं
अप्रैल में मनसे नेता राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ संभावित राजनीतिक मिलन के संकेत दिए थे। राज ठाकरे ने कहा था कि उनके पिछले मतभेद मामूली थे और ‘मराठी मानुष’ (मराठी लोगों) के हित के लिए एकजुट होना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटे-मोटे झगड़ों को भुलाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को समर्थन न दिया जाए। इसके बाद दोनों ठाकरे भाइयों के साथ आने की बात को बल मिला था।
पांच जुलाई को लगभग 20 वर्षों में पहली बार मनसे प्रमुख के साथ राजनीतिक मंच साझा करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एकसाथ होने के लिए साथ आए हैं। यह घटनाक्रम भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार द्वारा कक्षा एक में हिंदी भाषा लागू करने संबंधी दो सरकारी आदेश (GR) वापस लिए जाने के बाद हुआ। राउत ने दावा किया कि 5 जुलाई को चचेरे भाई राज और उद्धव के एकसाथ आने से ‘मराठी मानुष’ में विश्वास जगा है।
महाराष्ट्र को मिलेगी नयी दिशा
सांसद संजय राउत ने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि मराठी मानुष के सभी मुद्दे सुलझ गए हैं। मराठी मानुष की सारी समस्याएं जस की तस हैं। ठाकरे भाई हिंदी थोपे जाने के खिलाफ एक साथ आए, लेकिन (दोनों दलों के बीच) राजनीतिक गठबंधन की घोषणा अभी बाकी है। गठबंधन होना जरूरी है। तभी महाराष्ट्र को एक नयी दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को यह भ्रम है कि ठाकरे किसी भी तरह के दबाव में आ जाएंगे, तो वे मूर्ख हैं।
ठाकरे भाइयों की एकता से हिली दिल्ली
संजय राउत ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि ठाकरे भाइयों की एकता ने दिल्ली और महाराष्ट्र के हुक्मरानों को हिला कर रख दिया है। शिवसेना (UBT) नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज ठाकरे से मुलाकात करके राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। उन्होंने कहा कि मनसे अध्यक्ष इस पर बात करेंगे और भ्रम दूर करेंगे। फडणवीस और राज ठाकरे पिछले महीने मुंबई के एक होटल में मिले थे।