गोंदिया के ऑफिसों में खाली पड़ी कुर्सियां (फोटो नवभारत)
Gondia News In Hindi: गोंदिया जिले के सरकारी कार्यालयों और बैंकों में इन दिनों कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अपने मुख्यालय गोंदिया में न रहकर नागपुर, भंडारा, तुमसर और अन्य शहरों से ट्रेन से अप-डाउन करते हैं। रेलवे की समय सारिणी बिगड़ने और ट्रेनों के घंटों विलंब से चलने के कारण, ये कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुँच पाते, जिससे सरकारी कामकाज में लगातार देरी हो रही है और नागरिक परेशान हो रहे हैं।
यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है, जब राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए सप्ताह में पाँच दिन का कार्य दिवस लागू किया है। पहले महीने में दो शनिवार को छोड़कर छह दिन काम होता था, लेकिन अब यह सुविधा मिलने के बाद भी कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। अप-डाउन करने वाले कर्मचारी अक्सर तय समय से काफी देर से कार्यालय पहुँचते हैं और शाम को समय से पहले ही निकल जाते हैं, जिससे जरूरतमंदों के काम लंबित हो जाते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे छोटे कर्मचारी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिला कलेक्टर ने मुख्यालय में रहने का आदेश दिया है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह आदेश केवल कागजों पर ही सीमित है। नागरिक जब अपने जरूरी काम के लिए कार्यालयों में जाते हैं, तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। इससे लोगों में भारी असंतोष है और उनका सरकारी व्यवस्था से भरोसा उठ रहा है।
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गोंदिया जिले में बड़ी संख्या में सरकारी कार्यालय और बैंक हैं, जहाँ बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त हैं। लेकिन इनमें से कुछ को छोड़कर बाकी सभी बाहर से अप-डाउन कर रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है और ऐसा लगता है कि उच्च अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
कर्मचारियों की इस लेटलतीफी का असर न केवल सामान्य कामकाज पर पड़ रहा है, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने और उन्हें लागू करने में भी देरी हो रही है। इस समस्या को जल्द से जल्द हल करना जरूरी है ताकि सरकारी कामकाज में सुधार हो सके और नागरिकों को बेवजह की परेशानी न उठानी पड़े।