उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) पार्टी के विधायक आदित्य ठाकरे एवं भास्कर जाधव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सदन में डीसीएम शिंदे ने यूबीटी गुट नेता भास्कर जाधव के 293 के तहत पेश किए गए प्रस्ताव पर उत्तर देने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आदित्य पर जोरदार हमला बोला।
मराठी के मुद्दे पर राजनीति के लिए भी उद्धव और आदित्य की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मीठी नदी की गाद डिनो मोरिया निकाल रहा है। उसका ठेका देते समय इन्हें मराठी आदमी नजर नहीं आया। शिंदे ने कहा कि डिनो ने मुंह खोला तो कई लोगों का ‘मोरया’ हो जाएगा। इस पर आदित्य ठाकरे बिफर उठे। उन्होंने डीसीएम शिंदे को गद्दार और एहसान फरामोश तक कह डाला।
दरअसल, यूबीटी के गुट नेता भास्कर जाधव गुरुवार को नियम 293 के तहत विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर रहे थे। इस दौरान सत्ताधारियों की ओर से बार-बार व्यवधान डाला जा रहा था। इस पर विपक्ष आक्रामक हो गया। विपक्ष ने विरोध प्रदर्शित करते हुए सभा का त्याग किया। बाद में भास्कर जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
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भास्कर जाधव ने कहा कि मैने प्रस्ताव पेश किया, मंत्री को उस पर उत्तर देना चाहिए। लेकिन मेरे बोलने के दौरान व्यवधान डाला गया। ऐसा कहते हुए जाधव ने नार्वेकर को पक्षपाती कह दिया। उन्होंने कहा नार्वेकर खुद को ही सरकार समझने लगे हैं। उन्हें सरकार को बर्खास्त करके खुद ही सवालों का जवाब देना चाहिए, तो वहीं जवाब देने के दौरान डीसीएम शिंदे ने उद्धव और आदित्य पर उनका नाम लिए बगैर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान खिचड़ी और लाशों के कफन में घोटाला करने वाले हम पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए सवाल किया कि आप किस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अधूरी जानकारी के आधार पर मुद्दे उठा रहे हैं। कहते हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से काम नहीं हो रहे हैं। लेकिन मामला कोर्ट में होने की वजह से स्थानीय निकाय चुनाव नहीं में देरी हुई। लेकिन अब कोर्ट ने आदेश दे दिया है।
बाद में आदित्य ने शिंदे का नाम लिए बगैर पत्रकारों से कहा कि गद्दार उपमुख्यमंत्री जैसा निर्लज्ज और नमक हराम इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे ने ऊपर लाया। उन्हें विधायक, मंत्री पद, नगरीय विकास विभाग दिया। लेकिन शहरी विकास या समृद्धि राजमार्ग में घोटाले के कारण ‘ईडी’ इनके पीछे पड़ी तो एकनाथ शिंदे को भागना पड़ा। फिर उन्होंने हमारी सरकार गिरा दी। इतना सब करने के बाद भी इन्हें जरा भी शर्म नहीं आती। इन्होंने धारावी में दुनिया का सबसे बड़ा जमीन घोटाला, बेस्ट खत्म हो रहा है, शिक्षा व्यवस्था बेहाल है। स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब है। मैंने 293 के तहत ये सारे मुद्दे उठाए हैं।
दूसरी तरफ मंत्री शंभूराज देसाई ने आरोप लगाया कि शिंदे के भाषण के दौरान आदित्य और भास्कर जाधव, उप मुख्यमंत्री शिंदे एवं अध्यक्ष की ओर अपमानजनक इशारे कर रहे थे। इसलिए दोनों को निलंबित किया जाना चाहिए। लेकिन अध्यक्ष नार्वेकर ने स्थिति को संभालने और कार्यवाही को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।