अखिलेश यादव और रामजी लाल सुमन।
लखनऊ : हिन्दू और मुस्लिम शासकों को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। प्रदेश के सपा नेता रामजीलाल सुमन ने अपने बयान में राणा सांगा को आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी जिसके बाद से हिन्दूवादी संगठनों का पारा चढ़ गया था। खास बात ये है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रामजी लाल सुमन का इस मामले में समर्थन करते हुए भाजपा को ही घेरना शुरू कर दिया था। हालांकि राजपूत राजा के खिलाफ बयानबाजी दोनों को ही भारी पड़ गई और उनके खिलाफ सिविल केस दर्ज करा दिया गया है।
राणा सांगा विवादित बयान प्रकरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रामजी लाल सुमन के खिलाफ आगरा सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सिविल केस दायर कर दिया है। राज्यसभा में चर्चा के दौरान सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनका समर्थन किया था।
राणा सांगा विवादित बयान मामले में दर्ज केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन में की गई जिसके बाद प्रकरण को अग्रिम आदेश के लिए रख लिया गया। मामले में फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख नहीं दी गई है। दोनों पक्षों की ओर से जज ने मामले में सुनवाई पूरी की।
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अखिलेश यादव ने सपा नेता रामजीलाल सुमन के समर्थन में कहा था कि भाजपा इतिहास के पन्ने पलट रही है। इतिहास को हमने नहीं लिखा है। वो पहले से लिखा हुआ है। जब बातें उठेंगी तो सारी बातें होंगी। इतिहास में तो ये भी लिखा है कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राजतिलक होना था तो कुछ लोगों ने इससे इनकार कर दिया था। इसलिए ये लोग इतिहास का पन्ना पलटना बंद करें। वहीं अगर रामजी लाल के बयान पर गौर करें तो उन्होंने राजपूत राजा राणा सांगा को गद्दार कहा था।