संजय निरुपम और आदित्य ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: अभिनेता डीनो मोरिया और उनके भाई से इस सप्ताह की शुरुआत में आर्थिक अपराध शाखा ने 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी के गाद निकालने के घोटाले में गिरफ्तार किए गए एक बिचौलिए के साथ उनके कथित संबंधों के लिए आठ घंटे तक पूछताछ की थी। आज एक बार फिर जांच अधिकारी ने डीनो मोरिया को पूछताछ के लिए बुलाया था।
इस मामले पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा, “जांच के दौरान पता चला कि आदित्य ठाकरे के सबसे अच्छे दोस्त फिल्म अभिनेता डीनो मोरिया की भी इसमें भूमिका थी। मुंबई पुलिस ने डीनो मोरिया और उनके भाई से आठ घंटे तक पूछताछ की। डीनो मोरिया और आदित्य ठाकरे के बीच संबंधों के बारे में पूरी मुंबई जानती है।”
संजय निरुपम ने कहा “दोनों दोस्त अक्सर साथ में पार्टी करते हैं। दिशा सालियान हत्याकांड में दोनों पर आरोप लगे थे। जिस दिन दिशा सालियान ने आत्महत्या की, उस दिन ये दोनों उस पार्टी में साथ थे। मीठी नदी मामले में डीनो मोरिया पर लगे आरोपों की भी जांच होनी चाहिए। डीनो मोरिया नशीली दवाओं के व्यापार में है, उन पर अक्सर आरोप लगते आए है।
डीनो मोरिया को आदित्य ठाकरे ने ओपन जिम खोलने का कांट्रैक्ट दिया था। ऐसे ड्रग ट्रेडर के साथ आदित्य ठाकरे का क्या संबंध है? डीनो मोरिया शहर के बड़े-बड़े लोगों को सप्लाई करता है। तो क्या ये मातोश्री भी जाता है? इसकी जांच होनी चाहिए।”
VIDEO | Mumbai: Actor Dino Morea and his brother were questioned earlier this week for eight hours by the Economic Offences Wing for their alleged links with a middleman arrested in the Rs 65 crore Mithi desilting scam. Here’s what Shiv Sena leader Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam)… pic.twitter.com/GSVcz1ETAI — Press Trust of India (@PTI_News) May 28, 2025
संजय निरुपम ने कहा मीठी नदी मामले में डीनो मोरिया कांट्रेक्टर के संपर्क में था। एक फिल्म एक्टर का कांट्रेक्टर से क्या संबंध था। तो क्या इस मामले में डीनो मोरिया का भी हाथ है। अगर इस मामले में डीनो मोरिया का हाथ है तो फिर इस मामले में आदित्य ठाकरे की भी जांच होनी चाहिए। नदी की सफाई की आड़ में जो 65 करोड़ रुपये का भष्ट्राचार हुआ है, उसमें आदित्य ठाकरे की भी जांच करनी चाहिए।
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मुंबई से होकर बहने वाली मीठी नदी की सफाई में भ्रष्टाचार सामने आया था। मीठी नदी से गाद निकालने से संबंधित 65 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने ठेकेदारों और नगर निगम अधिकारियों समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।