झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (सोर्स-सोशल मीडिया)
रांची: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में शुरू हुआ सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 7 जुलाई को हेमंत सोरेन की शपथ के साथ लगा था कि अब इसका पटाक्षेप होने वाला है, लेकिन उसके बाद ईडी ने ‘सुप्रीम’ चुनौती दे दी। जिसके बाद एक बार फिर सियासी बवंडर शुरू हो गया है। वहीं, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब एक बार फिर से हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने वाली है।
31 जनवरी को झारखंड के सीएम को ईडी ने जमीन घोटाले के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद हेमंत सोरेन की जिंदगी में हेमंत के साथ पतझड़ भी आ गया। गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। चंपई सोरेन झारखंड के नए सीएम बने। लेकिन जमानत के बाद जब हेमंत सोरेन वापस आए तो उन्होंने फिर राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले ली।
7 जुलाई को हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के सीएम के तौर पर शपथ ली। जिसके बाद 8 जुलाई को ही ईडी ने हेमंत सोरेन को रांची हाईकोर्ट से दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जल्द ही सुनवाई की बात कही है। जिसके बाद कहा ये जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से अगर ईडी के पक्ष में फैसला आता है तो एक बार फिर से हेमंत सोरेन की कुर्सी छिन जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन को अगर ईडी गिरफ्तार भी करती है तो वह सीएम पद नहीं छोड़ेंगे। पिछली बार हेमंत ने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उसके बाद दिल्ली की सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी और सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद भी इस्तीफा नहीं दिया। इसलिए हेमंत सोरेन भी उसी राह पर चलेंगे।
दूसरी तरफ सियासी पंडितों का तर्क यह है कि सुप्रीम कोर्ट अगर हेमंत सोरेन की जमानत को रद्द करता है तो वह इस्तीफा इसलिए नहीं देंगे क्योंकि राज्य में अगले 2-3 महीनों में चुनाव होने वाला है। ऐसे में दो-तीन महीनों के लिए सत्ता में फेरबदल नहीं करना चाहेंगे। वहीं, राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि अगर हेमंत सोरेन दूसरी बार गिरफ्तार होते भी हैं तो चुनाव में उन्हें सिम्पैथी मिल सकती है।