शिबू सोरेन, पीएम मोदी, मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Shibu Soren Death: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का निधन हो गया है। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दौरान उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वहां मौजूद थे।
ऐसे में अब शिबू सोरेन के निधन की खबर आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक, सभी ने ‘दिशोम गुरु’ के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख जताया और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बातचीत कर अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जो जनसेवा के क्षेत्र में अपनी अटूट निष्ठा से ऊंचाइयों तक पहुंचे। वह विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहे। उनके निधन से अत्यंत दुखी हूं।” उन्होंने आगे कहा कि यह देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
Shri Shibu Soren Ji was a grassroots leader who rose through the ranks of public life with unwavering dedication to the people. He was particularly passionate about empowering tribal communities, the poor and downtrodden. Pained by his passing away. My thoughts are with his… — Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2025
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा कि वह जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले नेता थे। खड़गे ने एक्स पर लिखा, “शिबू सोरेन जी ने अलग झारखंड राज्य के गठन और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है। मैंने हेमंत सोरेन से बात कर परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, शिबू सोरेन जी के निधन से मैं दुःखी हूँ। उन्होंने अलग झारखंड प्रदेश और वहाँ के लोगों के जल, जंगल, जमीन के अधिकार और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए आजीवन संघर्ष किया। मैंने उनके… pic.twitter.com/flcIdfovqE — Mallikarjun Kharge (@kharge) August 4, 2025
शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी समाज के उत्थान और उनके अधिकारों की लड़ाई के लिए समर्पित रहा। एक शिक्षक के बेटे से झारखंड आंदोलन के नेतृत्वकर्ता और फिर मुख्यमंत्री तक का उनका सफर संघर्ष, सेवा और संकल्प बहुत बड़ा योगदान है और दुःख की इस घड़ी में ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करे।
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आपको बता दें, शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और प्रमुख नेता थे। जिन्हें दिशोम गुरु के नाम से भी जाना जाता था। शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था और वो झारखंड के तीन बार 2005, 2008 और 2009 में मुख्यमंत्री रह थे। लेकिन कभी वो अपना सीएम का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे।