रवींद्रनाथ महतो निर्विरोध बने स्पीकर (फाइल फोटो-सौ. से सोशल मीडिया)
रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के रवींद्रनाथ महतो मंगलवार को निर्विरोध झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। विधानसभा के चार दिवसीय सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पद के लिए महतो के नाम का प्रस्ताव रखा और झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने प्रस्ताव का समर्थन किया। लगातार दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सोरेन ने सत्तारूढ़ गढबंधन की ओर से महतो को बधाई दी।
हाल के विधानसभा चुनाव में रवींद्रनाथ महतो ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के माधवचंद्र महतो को 10,483 मतों के अंतर से हराकर झामुमो के टिकट पर नाला विधानसभा सीट बरकरार रखी। झामुमो नेता महतो ने सोमवार को अन्य विधायकों के साथ झारखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली थी।
आपको बता दें कि झारखंड में यह चुनावी मिथक रहा है कि स्पीकर के पद पर रहते हुए कोई भी जनप्रतिनिधि विधानसभा का चुनाव नहीं जीत पाता था, लेकिन रवींद्रनाथ महतो इस मिथक को तोड़ने वाले पहले स्पीकर बन गए हैं। उन्होंने पहली बार 2005 में नाला विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2009 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने लगातार जीत हासिल करते हुए अपना रिकॉर्ड बनाया है।
रविंद्रनाथ महतो ने बिहार के भागलपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 1982 में बीएससी की डिग्री हासिल कर रखी है। विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल परिसंपत्ति 97 लाख 56 हजार रुपए घोषित की है। केस-मुकदमों के मामले में भी उनका रिकॉर्ड पूरी तरह बेदाग है। उनके खिलाफ किसी थाने या अदालत में अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 23 नवंबर को मतगणना के बाद लगातार दूसरी बार झारखंड में सत्ता हासिल की। इस गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट हासिल कीं। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 24 सीट हासिल कीं।
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झारखंड में हेमंत सोरेन ने सभी सहयोगी पार्टियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए इंडिया गठबंधन का नेतृत्व किया था। सीट शेयरिंग से लेकर रणनीति बनाने तथा चुनाव प्रचार तक हेमंत सोरेन आगे दिखे। राज्य की सियासी हवा को भांवते हुए JMM ने 43, कांग्रेस 30, RJD 6 तथा CPI (ML) ने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। साथ ही साथ बेहतर तालमेल दिखाया, जिसका असर चुनावों पर साफ दिखा।