राहुल गांधी (फोटो-सोशल मीडिया)
रांचीः अमित शाह पर कथित अपमानजनक टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड की चाईबासा कोर्ट ने मानहानि के केस में राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था, जिसके बाद निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। हालांकि कोर्ट ने राहुल गांधी को चाईबासा कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
यह मामला 2018 का है, जब अमित शाह भाजपा अध्यक्ष थे और राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे। कांग्रेस अधिवेशन में गांधी ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा ही केवल एक ऐसी पार्टी है, जो हत्यारे को अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकती है। मामले में भाजपा नेता प्रताप कुमार ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता विनोद कुमार साहू के अनुसार, “चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। उससे बचने के लिए राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को किसी दूसरी जगह कोर्ट में उपस्थित होना होगा। इस पर राहुल गांधी का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि कोई तारीख उन्हें सूट नहीं कर रही है। इसपर कोर्ट ने कहा कि जो तारीख सूट कर रही हो हमें बताइए। इस तरह 6 अगस्त की तारीख तय की गई।
विनोद कुमार साहू ने आगे बताया कि राहुल गांधी के वकील ने NBW से राहत पाने के लिए कोर्ट से आग्रह किया। कोर्ट ने एक अंडरटेकिंग देने को कहा। तब राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने अंडरटेकिंग दी कि 6 अगस्त को वे चाईबासा कोर्ट में उपस्थित रहेंगे और कोर्ट का सहयोग करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी को 6 अगस्त तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता बताया, “मामला यह है कि 2018 में राहुल गांधी ने कांग्रेस अधिवेशन में एक बयान दिया था, उस समय वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उस समय अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता और कांग्रेस के लोग किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते। भारतीय जनता पार्टी में हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है और हत्यारे को भारतीय जनता पार्टी के लोग ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकते हैं। इससे आहत होकर मेरे मुवक्किल भाजपा नेता प्रताप कुमार ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।