प्रवर्तन निदेशालय (सौजन्य- सोशल मीडिया)
रांची: झारखंड चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में तलाशी के दौरान दो बांग्लादेशी नागरिकों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो रोनी मंडल और समीर चौधरी बांग्लादेश के नागरिक हैं जबकि पिंटू हलदर भारतीय नागरिक है।
ऐसा भी संदेह है कि तीनों दलाल हैं और उन्हें मंगलवार रात को भारत में मानव तस्करी के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि तीनों को धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत हिरासत में लिया गया है। संघीय एजेंसी ने बीते मंगलवार को धन शोधन के इस मामले में पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड में 17 स्थानों पर तलाशी ली थी।
इस बाबत एजेंसी ने अपने आधिकारिक ‘X’ खाते पर बीते मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि उसने छापेमारी के दौरान फर्जी आधार कार्ड, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, आधार में जालसाजी के लिए इस्तेमाल किए गए प्रिंटिंग पेपर और मशीनें तथा खाली प्रोफार्मा जैसी ‘‘आपत्तिजनक” सामग्री बरामद की हैं।
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जानकारी दें कि, झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से एक दिन पहले मंगलवार को ईडी द्वारा राज्य के कई स्थानों पर की गई छापेमारी के लिए भाजपा नीत केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई ‘‘भाजपा को बांग्लादेशी घुसपैठ का विमर्श स्थापित करने में मदद करने का एक प्रयास है।”
झामुमो नीत सरकार की सहयोगी कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि ED की कार्रवाई ‘‘राज्य में भाजपा का राजनीतिक आधार बचाने का अंतिम प्रयास” है। ईडी ने झारखंड में कुछ बांग्लादेशी महिलाओं की कथित घुसपैठ और तस्करी के एक मामले की जांच के लिए पीएमएलए के तहत सितंबर में एक मामला दर्ज किया था। ऐसा आरोप है कि घुसपैठ और तस्करी से आपराधिक आय अर्जित की गयी।
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गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अन्य नेताओं ने हाल में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राज्य सरकार पर ऐसी घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है जिससे आदिवासी बहुल संथाल परगना और कोल्हान क्षेत्रों के जनसांख्यिकीय परिदृश्य में बदलाव आया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन पर राज्य को रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए ‘धर्मशाला’ में बदल देने का आरोप लगाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सरायकेला में घोषणा की कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनने पर घुसपैठियों की पहचान करने तथा उन्हें राज्य से खदेड़ने के साथ ही उनके द्वारा हथियाई गई जमीन को वापस लेने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
इस बाबत संघीय एजेंसी द्वारा PMLA की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR), जून में राजधानी रांची में बरियातु पुलिस थाने में दर्ज झारखंड पुलिस की एक प्राथमिकी पर आधारित है। पुलिस की प्राथमिकी एक बांग्लादेशी महिला की शिकायत पर आधारित है जो काम की तलाश में दलालों की मदद से भारत-बांग्लादेश सीमा से देश में कथित तौर पर अवैध तरीके से घुसी।
उसने करीब छह महिलाओं को आरोपी के तौर पर नामित किया जिन्हें एक स्थानीय रिजॉर्ट में छापा मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इनमें से एक महिला के पास से ‘‘फर्जी” आधार कार्ड भी बरामद किया। प्राथमिकी में महिला शिकायतकर्ता के हवाले से कहा गया है कि उसे ‘ब्यूटी सैलून’ में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कथित तौर पर वेश्यावृत्ति के लिए बांग्लादेश से भारत में तस्करी कर लाया गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)