सीएम हेमंत सोरेन (सौजन्य सोशल मीडिया)
Chief Minister Hemant Soren: झारखंड की विभिन्न जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 51 कैदियों को रिहा किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में लिया गया।
बैठक में आजीवन सजा काट रहे 103 कैदियों की रिहाई से संबंधित मामलों का रिव्यू किया गया। एक-एक कैदी की फाइल पर मंथन के बाद 51 कैदियों को रिहा किए जाने पर सहमति बनी। रिहाई का निर्णय लेते हुए न्यायालयों के निर्णय, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर विचार किया गया।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिहा किए जा रहे कैदियों की फैमिली बैकग्राउंड और सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का वेरिफिकेशन करें और उनके जीवन जीवनयापन के लिए आय के साधन सृजित हों, इसकी योजना बनाएं। उन्होंने सभी को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ने और उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन आदि योजनाओं का लाभ दिलाने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हो रहे कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि रिहा हुए कैदियों की सामाजिक, आर्थिक एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि का सत्यापन जरूर करें। कारा महानिरीक्षक को निर्देश दिया गया कि रिहा किए जा रहे कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड अवश्य रखें। जिलों के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों को भी रिहा किए गए कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ सभी गतिविधियों की निरंतर मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया। जिन कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया है, उनमें कई बीमार हैं और कुछ की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी मामलों के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार कर कैदियों को शारीरिक एवं मानसिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे सुचारू रूप से जीवन व्यतीत कर सकें। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में सहमति के उपरांत वर्ष 2019 से अबतक राज्य के विभिन्न कारागारों से 619 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिसमें 558 कैदियों का विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया गया है।
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बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) नीरज कुमार श्रीवास्तव, कारा एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, न्यायिक आयुक्त अनिल कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)