महबूबा मुफ्ती (सौ:-सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल काफी बढ़ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्री भी दो दिवसीय यात्रा पर श्रीनगर पहुंचे हैं। वहीं स्थानिय पार्टी का जोश भी काफी हाई नजर आ रही है। इसी बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने BJP पर हमला बोला है।
मुफ्ती ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए राजनीतिक दलों की बढ़ती मांग को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी को बस यही मुद्दा एक बड़ी सफलता लग रही है, जो की यहां की जनता के साथ अन्याय है।
पीडीपी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “भाजपा कश्मीर मुद्दे को अनुच्छेद 370 तक लाने और अनुच्छेद 370 को राज्य का दर्जा बहाल करने और राज्य का दर्जा बहाल करने को चुनाव कराने तक सीमित करने में सफल रही है।” उनके मुताबिक, कश्मीर के मुद्दे के समाधान के लिए हजारों लोग मारे गए, हजारों अनाथ हुए और हमें अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए राजनीतिक दलों की बढ़ती मांग पर टिप्पणी कर रही थी। उन्होंने कहा, “कुछ राजनीतिक दल चुनाव होने पर खुश हैं और राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कर रहे हैं। यह पैर कटने के बाद जूते तलाशने जैसा है। कश्मीर पीडीपी का मुख्य मुद्दा है जिसके लिए हमने पहले भी काम किया है। हम सुलह की बात करते हैं। मुद्दे को सिर्फ राज्य का दर्जा बहाल करने तक सीमित रखना लोगों के साथ अन्याय है।”
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जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन पर हमला बोलते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह सत्ता हासिल करने के लिए सीट-बंटवारे की व्यवस्था है। उन्होंने कहा, “यह सिद्धांतों पर आधारित गठबंधन नहीं है। यह सत्ता के लिए सीटों का बंटवारा है। देखिए जेकेपीसीसी अध्यक्ष (तारिक हमीद कर्रा) जिस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, त्राल में क्या हो रहा है। जहां भी नेकां ने कांग्रेस के लिए सीट छोड़ी है, वहां नेकां का कोई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है और उन्हें नेकां कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन प्राप्त है।”
मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला बोलते हुए कहा कि नेकां शासनकाल के दौरान शोपियां में एक बड़ी घटना घटी थी, उन दोषियों को सजा देने के बजाए शिकायत करने वालों को जेल में डाल दिया गया। वहीं पीडीपी के कार्यकाल के दौरान कठुआ कांड काफी चर्चे में था। जिसमें छह लगो आज भी सलाखों के पीछे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इतना ही नहीं हमने दो मंत्रियों को इसलिए मंत्रिमंडल से हटा दिया था क्योंकि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थन में निकाली गई रैली में भाग लिया था।
उन्होंने कहा, “यह नीतिगत मामला है – इन मुद्दों पर नेकां-कांग्रेस की नीति अलग हो सकती है। उमर अब्दुल्ला इस सवाल का बेहतर जवाब दे सकते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि लोगों ने, खासकर उत्तर प्रदेश में, भाजपा को सबक सिखाया है। वे अयोध्या सीट हार गए जहां राम मंदिर का निर्माण हुआ था, लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा ने अभी भी सबक नहीं सीखा है।”
एजेंसी इनपुट के साथ