हाथरस हादसे पर एक्शन में योगी सरकार (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: हाथरस हादसे में सैकड़ों जिंदगियां जाने के बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन मोड में नज़र आ रहा है। सत्संग के मुख्य आयोजक पर 1 लाख का इनाम घोषित कर दिया गया बाकी आयोजन कमेटी से जुड़े 6 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। लेकिन सवाल यह है कि घटना का सूत्रधार सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ कहां है? सूत्रों की माने तो बाबा यूपी में ही हैं लेकिन इसके बाद भी पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही इसके पीछे क्या वजह हो सकती है?
हाथरस के फुलरई में नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। घटना में 31 लोग घायल भी हुए। साल 1954 के प्रयागराज कुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान होने वाला यह दूसरा ऐसा हादसा है जिसमें 100 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इतने बड़े हादसे के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार का एक्शन मोड में आना स्वाभाविक है।
हादसे के दूसरे दिन यानी बुधवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच का ऐलान कर दिया। शाम होते-होते आयोग का गठन भी कर दिया गया। जो दो महीने के अंदर जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। दूसरी तरफ पुलिस भी तेजी से कार्रवाई कर रही है। हाथरस भगदड़ कांड के सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी तथा सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया हाथरस भगदड़ मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त और मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा।
इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि विवेचना में इस चीज को भी देखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कोई आपराधिक षड्यंत्र तो नहीं किया गया था। लेकिन भोले बाबा से पूछताछ या उसकी गिरफ्तारी की सम्भावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि आगे किसी की गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह विवेचना पर निर्भर करेगा।
फिलहाल बाबा के बारे में जो कुछ निकलकर सामने आ रहा है उससे एक बात तो तय है कि ‘भोले बाबा’ भोले नहीं हैं। इस लिहाज से यूपी पुलिस की तरफ से दिखाई जा रही दरियादिली सवाल ज़रूर खड़े करती है! सूत्रों की मानें तो बाबा अभी तक उत्तर प्रदेश में ही है, तब भी पुलिस उसे ढूंढ क्यों नहीं पा रही है? पूछताछ के लिए ही सही जांच के लिहाज से ही सही लेकिन पुलिस बाबा तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है?