माइक्रोसॉफ्ट संकट (सोर्स:- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दुनिया भर में आईटी से जुड़े कर्मचारियों को आज माइक्रोसॉफ्ट संकट का सामना करना पड़ा। जहां माइक्रोसॉफ्ट 365 की सेवाओं बंद होने से दुनियाभर की करोड़ो सिस्टम बंद हो गए, जिसका सीधा प्रभाव एयरलाइंस, बैंकिग सेवाओं के अलावा और भी प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ा।
देश दुनिया की कई सारी उड़ाने रद्द हो गई नहीं तो लेट हो गई। कारण की बात करें तो इसे क्राउडस्ट्राइक कहा जा रहा है जो कि एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है जो माइक्रोसॉफ्ट और कई दूसरे प्लेटफॉर्म को साइबर अटैक से बचाने का काम करती है। जिसको लेकर कंपनी ने एक बड़ा अपडेट जारी किया था, जिसकी वजह से लोगों को यह परेशानी आ रही है। वहीं, कुछ लोग इसे साइबर अटैक से जोड़ रहे हैं।
आज यानी शुक्रवार को दुनियाभर की विंडोज अचानक से बंद हो गई, जिसके बाद मानो कि आईटी के जगत में भूचाल आ गया। विंडोज पर काम करने वाले लाखों सिस्टम में ब्लू स्क्रीन या शटडाउन की समस्या आने लगी। मिली जानकारी के अनुसार विंडोज के इस परेशानी की वजह क्राउडस्ट्राइक को माना जा रहा है जिसने अपना नया अपडेट जारी किया है। इस अपडेट में कॉन्फ़िगरेशन में गड़बड़ी हो गई, जिसकी वजह से Microsoft 365 के यूजर प्रभावित हो रहे हैं।
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CrowdStrike is actively working with customers impacted by a defect found in a single content update for Windows hosts. Mac and Linux hosts are not impacted. This is not a security incident or cyberattack. The issue has been identified, isolated and a fix has been deployed. We…
— George Kurtz (@George_Kurtz) July 19, 2024
विंडोज बंद होने के बाद इसका प्रभाव दुनियाभर में दिखने लगा। लाखों लोग इससे प्रभावित हुए। वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने इस बारे में एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि क्राउडस्ट्राइक विंडोज होस्ट के लिए एक ही कंटेंट अपडेट में पाई गई खामी से प्रभावित ग्राहकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मैक और लिनक्स होस्ट प्रभावित नहीं हैं। यह कोई सुरक्षा घटना या साइबर हमला नहीं है। समस्या की पहचान कर ली गई है, उसे अलग कर दिया गया है और उसका समाधान कर दिया गया है।
दुनियाभर को प्रभावित करने वाले इस समस्या को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल खड़े हो रहे है। कि क्या ये कोई साइबर अटैक है या तकनीकि गड़बड़ी? जिसके बाद इस सवाल के जवाब में साइबर एक्सपर्ट साफ तौर पर इसे साइबर हमला नहीं कह रहे हैं। लेकिन वे इसकी संभावना से इनकार भी नहीं कर रहे हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक एक्सपर्ट जेक मूर ने कहा कि यह क्राउडस्ट्राइक की तकनीकी खराबी है, लेकिन उन्होंने साइबर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है।
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जानकारी के लिए बता दें कि सैकड़ों सिस्टम के बंद होने के बाद लोगों के मन में कई सारे सवाल खड़े होने लगे है। सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे पोस्ट देखने को मिल रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि यह एक तरह का साइबर अटैक है। हलांकि कई विशेषज्ञों ने भी इस बात से सहमती दर्ज कराई हैं। क्योंकि जब भी साइबर अटैक हुआ है, ऐसे मामले देखने को मिले हैं। साइबर अटैक में अटैकर सर्विस को प्रभावित करते हैं। सर्विस को रोकने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक DDOS अटैक है। इस तरह के अटैक में भी एक साथ कई रिक्वेस्ट देने से सर्वर प्रभावित होता है।
एक बात है जो कि सैकड़ों सिस्टम के ठप होने पर खड़ा हो रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट संकट का कनेक्शन कहीं ना कहीं रूस से है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कंपनी की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। इसे जॉर्ज कर्ट्ज, दिमित्री अल्परोविच और ग्रेग मार्स्टन ने शुरू किया था। दिमित्री अल्परोविच इसके सह-संस्थापक होने के साथ-साथ पूर्व CTO भी हैं। उनका परिवार 1994 में रूस से अमेरिका शिफ्ट हो गया था। 1980 में जन्मे दिमित्री अल्परोविच फरवरी 2020 में इस कंपनी से अलग हो गए। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ अटकलें भी लगाई थीं। रूस ने उनके अपने देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।