तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को मणिपुर की हिंसक घटनाओं को “भयावह” बताते हुए बीजेपी और आरएसएसपर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि “सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के नापाक एजेंडे” के कारण पूर्वोत्तर राज्य में मौजूदा संघर्ष हुआ है। साथ ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से आग्रह किया कि सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मणिपुर में शांति व सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
विजयन ने आरोप लगाया कि मणिपुर में जानबूझकर ईसाई समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है और वहां जनजातीय समुदायों के चर्चों पर हमले किए गए हैं। संघ परिवार ने राजनीतिक लाभ के लिए मणिपुर को दंगा क्षेत्र में तब्दील कर दिया है।
Horrifying accounts of violence from #Manipur have shattered the conscience of every Indian. The ongoing strife in the state is caused by the vicious agenda of fueling communal tensions. All secular & democratic forces should demand the restoration of peace & normalcy in Manipur.
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) July 22, 2023
उन्होंने ट्वीट किया, “मणिपुर में हिंसा की भयावह घटनाओं ने हर भारतीय की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के नापाक एजेंडे के कारण राज्य में संघर्ष जारी है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली की मांग करनी चाहिए।”
केरला के सीएम में यह भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट से पता चलता है कि जो लोग शांति बहाल करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार चुप है। ये लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ हो रहे हर प्रयास को हराया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि भीड़ ने चार मई को एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसने कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी। एफआईआर के अनुसार, इसके बाद भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया। इस मामले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को कुकी समुदाय ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया था। जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी, जो अभी तक शांत नहीं हुई है। इस जातीय हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा इनपुट के साथ)