विनेश फोगाट व बृजभूषण शरण सिंह (सोर्स-सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: कुश्ती महासंघ पर प्रतिबंध हटाने के खेल मंत्रालय के फैसले पर राजनीति भी तेज हो गई है। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इस फैसले को साजिशों के अंत से जोड़ा है, जबकि आंदोलन का नेतृत्व करने वाली विनेश फोगाट फिर हमलावर हो गई हैं। उनका कहना है कि हमने खेल को बचाने के लिए संघर्ष किया था, लेकिन सरकार ने फिर से खेल को बृजभूषण जैसे व्यक्ति को सौंप दिया है।
पहलवान से नेता बनी विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा में कहा, ‘मैं यहां दुख और गर्व दोनों से भरी हुई हूं। कई विधायक और मंत्री कहते हैं कि उनकी सरकार ने खेल के लिए बहुत कुछ किया है। मैं दुख के साथ कहना चाहती हूं कि हमने दो साल तक सड़कों पर संघर्ष किया। हमने कुश्ती के खेल को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन अब दो साल पहले आपकी पार्टी ने खेल को वापस उनके हवाले कर दिया।’
जुलाना सीट से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने सीधे तौर पर बृजभूषण शरण सिंह का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा उन्हीं की ओर था। दरअसल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह हैं, जो बृजभूषण के करीबी माने जाते हैं। विधानसभा से बाहर आने के बाद फोगाट ने इस मुद्दे पर भी बात की।
फोगाट ने कहा कि कुश्ती संघ में संजय सिंह डमी हैं। असली कमान अभी भी बृजभूषण शरण सिंह के पास है। कुश्ती संघ पर पिछले दो साल से प्रतिबंध लगा हुआ था, जिसे खेल मंत्रालय ने इसी हफ्ते मंजूरी दी है। मंत्रालय ने शासन संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए 24 दिसंबर 2023 को महासंघ को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद जब चुनाव हुए तो बृजभूषण पर प्रतिबंध लगा दिया गया। साफ कहा गया कि बृजभूषण और उनके करीबी महासंघ के चुनाव से दूर रहेंगे। इस चुनाव से बृजभूषण शरण सिंह और उनके परिवार के सदस्य दूर रहे, लेकिन उनके करीबी संजय सिंह ने चुनाव लड़ा। वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी चुने गए।
बता दें कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली में धरना दिया था। इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और मुकदमा चल रहा है।
हालांकि बृजभूषण अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं। उनका कहना है कि खेल में उनकी ताकत और ईमानदारी को देखते हुए कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है। इस मामले पर विधानसभा में तीखी बहस हुई।
संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने विनेश फोगाट से कहा कि हम आपका किसी पार्टी के नेता के तौर पर सम्मान नहीं करते। आपके सम्मान की वजह यह है कि आपने देश का सम्मान बढ़ाया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी बोल दें।
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इस पर विनेश फोगाट ने कहा कि हमने किसी पार्टी की वजह से बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी। हमारा प्रयास खिलाड़ियों की आवाज को उठाना और खेल की रक्षा करना था। लेकिन आज उस खेल को उन्हीं लोगों के हाथों में सौंप दिया गया है, जिनसे खेल को खतरा है। इस दौरान विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार से खिलाड़ियों के लिए कुछ कदम उठाने की अपील की।