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AI से कटेगा टोल टैक्स… न लाइन में लगना होगा, न होगी फ्यूल की बर्बादी

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि टोल टैक्स के लिए एआई सिस्टम अगले साल तक लागू हो जाएगा। यह सिस्टम FASTag से काफी अलग होगा। इससे कई तरह के लाभ होंगे।

  • By रंजन कुमार
Updated On: Dec 18, 2025 | 05:33 PM

टोल प्लाजा। इमेज-एआई

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AI Will Collect Toll: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब टोल गेट पर एंट्री करने जा रहा है। अब देश के हाईवे और टोल गेट पर टोल टैक्स काटने का काम एआई बेस्ड सिस्टम से होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को जानकारी दी है कि सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम साल 2026 के अंत तक लागू होगा।

मंत्री ने कहा, न्यू टोल बेस्ड सिस्टम टेक्नोलॉजी सेटेलाइट और एआई बेस्ड होगा। इसके लिए कार या अन्य वाहन मालिक को टोल गेट पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। वह 80 किलोमीटर की स्पीड से भी टोल गेट पार कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि एआई टोल सिस्टम से 1500 करोड़ रुपये के फ्यूल सेविंग होगी। सरकारी रेवेन्यू में 6,000 करोड़ जुड़ेगे। एआई बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम फास्टैग और जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम से अलग होगा।

हाईवे पर नहीं होंगे टोल बूथ

AI बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम, असल में मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) सिस्टम है। इसके तहत हाईवे पर टोल बूथ नहीं होंगे। इसके लिए लोहे का स्ट्रक्चर तैयार होगा, जिसको गैन्ट्री कहा जाता है। गैंट्री पर हाई रेजोल्यूशन कैमरा और सेंसर होंगे। ये कार की नंबर प्लेट को डिटेक्ट और एनालाइज करेंगे। यह सिस्टम एंट्री और एग्जिट पर होगा। इसके बाद टोल चार्ज वसूला जाएगा। यह पूरा काम ऑटोमैटिक होगा। कार को टोल टैक्स के लिए कहीं रोकने की जरूरत नहीं होगी।

फिलहाल FASTag बेस्ड सिस्टम

मौजूदा टोल कलेक्शन सिस्टम FASTag बेस्ड है। इसमें वाहन के विंड स्क्रीन पर एक रेडियो फ्रिक्वेंसी (RFID) टैग लगाना होता है। इस सिस्टम के तहत छोटी चिप होती है। यह स्टिकर चिप प्रीपेड वॉलेट या बैंक अकाउंट से लिंक होता है। FASTag बेस्ड स्टिकर वाली कार जैसे टोल गेट पर पहुंचती है, गेट के ऊपर लगे सेंसर RFID चिप को डिटेक्ट करते हैं। इसके बाद गेट खुल जाते हैं। वैसे, फास्टैग में बैलेंस माइनस में है तो वह ब्लैक लिस्ट हो जाता है। इसकी वजह से टोल गेट नहीं खुलता है। ऐसे में टोल चार्ज कैश में पेमेंट करनी पड़ती है।

यह भी पढ़ें: Fastag ने पहले ही दिन दिखाया दम, सालाना टोल पास को 1.4 लाख यूजर्स ने खरीदा

वाहन में OBU की होगी जरूरत

GPS आधारित सिस्टम (GNSS) के लिए वाहन में एक विशेष ट्रैकिंग डिवाइस (OBU) की जरूरत होगी। एआई सिस्टम मुख्य रूप से बाहरी कैमरों और आपकी गाड़ी की मौजूदा नंबर प्लेट की मदद से काम करता है। यह एआई सिस्टम उन गाड़ियों के लिए भी यूजफुल होगा, जिनके अंदर जीपीएस नहीं लगा है।

Toll tax will be deducted through aino need to stand in line no wastage of fuel

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Published On: Dec 18, 2025 | 02:04 PM

Topics:  

  • Nitin Gadkari
  • Utility News

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