केंद्रीय मंत्री बी संजय का TTD में 1000 गैर-हिंदू कर्मचारियों के काम करने का दावा (फोटो- सोशल मीडिया)
Tirumala Tirupati Devasthanam: तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन करने वाला तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) एक बार फिर से सुर्खियों में है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने दावा किया है कि TTD में अभी भी 1000 से अधिक गैर-हिंदू कर्मचारी कार्यरत हैं, जो कि धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे है। उन्होंने TTD प्रशासन से इन कर्मचारियों को हटाने की मांग करते हुए कहा कि यह संस्था किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं, बल्कि हिंदू आस्था का केंद्र है और इसमें केवल हिंदुओं को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
बंदी संजय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि क्या किसी चर्च या मस्जिद में हिंदू कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह नफरत नहीं, धर्म की बात है। संजय ने TTD को तुष्टिकरण की राजनीति का मंच न बनने की नसीहत देते हुए कहा कि इसकी नीतियां सनातन परंपराओं की रक्षा में स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने तेलंगाना के मंदिरों के विकास पर भी TTD का ध्यान आकर्षित किया और संस्था की धर्मनिष्ठ छवि बनाए रखने की अपील की।
Visited Tirumala today and took the divine blessings of Sri Venkateshwara Swamy. Prayed for peace, prosperity, and strength to all our people and to Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji who is tirelessly working for Bharat.
Request the @TTDevasthanams board to act -… pic.twitter.com/tivHRyn3z3
— Bandi Sanjay Kumar (@bandisanjay_bjp) July 11, 2025
‘टीटीडी की नीतियों में हो धार्मिक पारदर्शिता’
केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी अपने जन्मदिन पर तिरुमला मंदिर में दर्शन करने के बाद दी। उन्होंने कहा कि संस्था को अपने मिशन में स्पष्टता लानी होगी, हिंदू परंपराओं की रक्षा और मंदिर प्रशासन केवल हिंदू कर्मियों के जिम्मे हो। उन्होंने कहा कि TTD किसी जाति या समुदाय विशेष का मंच नहीं है, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
इससे पहले भी कई बार TTD के कर्मचारियों द्वारा चर्च या अन्य धर्मों की प्रार्थनाओं में भाग लेने पर विवाद खड़ा हुआ है। 3 जुलाई को सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को चर्च में भाग लेने के कारण निलंबित कर दिया गया था।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, फिर क्यों दोहराव
TTD प्रशासन ने फरवरी 2025 में भी ऐसे ही मामलों में 18 कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। इसके बावजूद गैर-हिंदू कर्मचारियों की मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। TTD के वर्तमान अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने पहले ही स्पष्ट किया था कि संस्था में केवल हिंदू कर्मचारी ही रहेंगे। सवाल यह है कि यदि नियम स्पष्ट हैं तो अब तक इनकी पूर्ण रूप से पालना क्यों नहीं हो सकी?
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TTD अब खुद पर उठे इन सवालों के जवाब देने की तैयारी में है। संस्था की छवि और मंदिर की मर्यादा बनाए रखना अब सर्वोपरि है। केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ने इस मामले को राष्ट्रीय विमर्श का विषय बना दिया है। अब देखना होगा कि TTD इस पर किस तरह की कार्रवाई करता है और क्या वाकई धार्मिक आस्था की रक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।