धनखड़ को छोड़ेंगे नहीं! अविश्वास प्रस्ताव रिजेक्ट होने पर कांग्रेस बोली ये तो ट्रेलर था…
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संसद के बजट सत्र में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाने के लिए नोटिस फिर से दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस शीतकालीन सत्र में दिया गया वह नोटिस एक ‘ट्रेलर’ था जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज किया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी। इस विषय पर रमेश ने कहा कि सभापति के खिलाफ हमारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया है।
रमेश ने कहा कि संविधान में इसकी सीमा नहीं लगाई गई कि कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। बजट सत्र में देखा जाएगा। ‘ यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल आगे फिर यह कदम उठा सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल। यह तो पहला कदम है। देखते जाइए, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने सभापति धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था। विपक्ष ने कहा था कि धनखड़ द्वारा ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण’ तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।
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विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था। इस मामले में विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस रिजेक्ट हो गया। उपसभापति ने इस बारे में जानकारी दी।
विपक्ष ने जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए राज्यसभा में अविश्वास नोटिस दिया था। खबरों के मुताबिक, उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि महाभियोग नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं तथा मौजूदा उपराष्ट्रपति को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि इस व्यक्तिगत रूप से लक्षित नोटिस की गंभीरता तथ्यों से रहित है तथा इसका उद्देश्य केवल प्रचार हासिल करना है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ये नोटिस सबसे बड़े लोकतंत्र के उपराष्ट्रपति के उच्च संवैधानिक पद को ‘जानबूझकर अपमानित करने’ का दुस्साहस था।