सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को लगाई फटकार
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु की सरकारी शराब विक्रेता कंपनी टीएएसएमएसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर रोक लगा दी। ऐसा आरोप है कि केंद्रीय एजेंसी अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रही है। शीर्ष अदालत ने एजेंसी की कार्रवाइयों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ईडी “सारी हदें पार कर रही है।”
अदालत ने कहा कि ईडी संघीय सिद्धांत का उल्लंघन करती दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी से सवाल पूछा कि “वह TASMAC पर छापा कैसे मार सकती है।” बता दें कि अदालत में राज्य संचालित शराब खुदरा विक्रेता टीएएसएमएसी पर ईडी के छापों के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई।
तमिलनाडु सरकार और TASMAC ने तर्क दिया कि महिला कर्मचारियों सहित TASMAC के अधिकारियों और कर्मचारियों को तलाशी के दौरान उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और लंबे समय तक हिरासत में रखा गया, उनके फोन और व्यक्तिगत उपकरण जब्त कर लिए गए, जिससे उनकी गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए और विशेष रूप से आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य की छवि खराब करने के लिए ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
तमिलनाडु सरकार और TASMAC ने ईडी की छापेमारी को शुरू में मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई।
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ऐसा पहली बार नहीं था जब तमिलनाडु सरकार ने TASMAC मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले 4 अप्रैल को उन्होंने अपनी याचिका मद्रास हाई कोर्ट से राज्य के बाहर किसी अन्य हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी, लेकिन चार दिन बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली थी।