कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को “बुलडोजर न्याय” की प्रवृत्ति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी किसी व्यक्ति के घर को केवल इस आधार पर नहीं गिरा सकते कि उस पर कोई अपराध का आरोप है। इस मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे अराजक स्थिति बताया है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर फैसला एक स्वागत योग्य राहत है। इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसकी बयानबाजी नहीं बल्कि लागू करने योग्य दिशा-निर्देश हैं। उम्मीद है कि वे राज्य सरकारों को मुसलमानों और अन्य हाशिए के समूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे। हमें याद रखना चाहिए कि नरेंद्र मोदी ने भी बुलडोजर राज का जश्न मनाया है, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने “अराजक स्थिति” कहा है।”
The #Bulldozer judgement of the Supreme Court is a welcome relief. The most important part of it is not in its eloquence, but the enforceable guidelines. Hopefully they will prevent state governments from collectively punishing Muslims & other marginalised groups.
We should…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 13, 2024
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, “कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकती। महज आरोप के आधार पर अगर कार्यपालिका किसी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करती है तो यह कानून के शासन के सिद्धांत पर आघात होगा। कार्यपालिका न्यायाधीश बनकर आरोपी व्यक्तियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं कर सकती।”
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का शासन एक ऐसा ढांचा प्रदान करता है जो सुनिश्चित करता है कि व्यक्तियों को पता हो कि उनकी संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं लिया जाएगा। कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में भी जहां लोग ध्वस्तीकरण आदेश का विरोध नहीं करना चाहते हैं, उन्हें खाली करने और अपने मामलों को निपटाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, “महिलाओं, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को रात भर सड़कों पर घसीटते हुए देखना सुखद दृश्य नहीं है।” पीठ ने यह भी कहा, “अगर अधिकारी कुछ समय के लिए निष्क्रिय हो जाएं, तो उन पर कोई विपत्ति नहीं आएगी।” ओवैसी के बयान पर फिलहाल किसी बीजेपी नेता की तरफ से कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है लेकिन सियासी पारा चढ़ने के साफ आसार नजर आ रहे हैं।
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