सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो (फोटो- सोशल मीडिया)
Sonam Wangchuk Wife Geetanjali Angmo Remark on Arrest: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दिल्ली में कहा कि लेह में उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, इसलिए उन्हें अपनी बात रखने के लिए राजधानी आना पड़ा। आंगमो ने दावा किया कि उन्हें अभी तक वांगचुक की हिरासत के आदेश की कॉपी तक नहीं दी गई है और न ही उनसे बात करने दी जा रही है। वांगचुक को हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया था।
लेह में कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। गीतांजलि आंगमो के अनुसार, उन्हें और उनके संस्थान, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) को मीडिया से बात करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, “मीडियाकर्मियों को हमारे कैंपस में आने नहीं दिया जा रहा। अगर कोई पत्रकार आता भी है तो सीआरपीएफ के जवान उनके पीछे लग जाते हैं। यह किसी लोकतंत्र का तरीका नहीं हो सकता, जहां सरकार एकतरफा प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और दूसरी आवाजों को दबा दे।”
आंगमो ने दावा किया कि स्थानीय अधिकारी उनके फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे सिर्फ इतना पता है कि वे (सोनम वांगचुक) जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं, लेकिन किस हाल में हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। मुझे न तो उनसे बात करने दी गई और न ही गिरफ्तारी का कोई आदेश दिखाया गया।” उन्होंने कहा कि सरकार पूरी मशीनरी का इस्तेमाल करके उन्हें मीडिया तक पहुंचने से रोक रही है, जो कि चिंताजनक है।
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सोनम वांगचुक पर लगे युवाओं को भड़काने के आरोपों को गीतांजलि ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “वांगचुक पिछले पांच साल से शांतिपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं। हालात असल में CRPF की गोलीबारी के बाद बिगड़े। सरकार को यह बताना चाहिए कि गोली चलाने का आदेश किसने दिया था।” CBI द्वारा FCRA उल्लंघन की जांच पर उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों से सहयोग करना कोई अपराध नहीं है, बल्कि यह “सेवाओं का निर्यात” है, जिसके सभी कानूनी दस्तावेज एजेंसी को सौंप दिए गए हैं।