राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar SIR Discussion: राज्यसभा में इस बार चर्चा का मुद्दा कोई सामान्य विषय नहीं बल्कि करोड़ों वोटरों की चिंताओं से जुड़ा है। बिहार में शुरू हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर विपक्ष सरकार से जवाब चाहता है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के उपसभापति को पत्र लिखकर SIR पर चर्चा कराने की मांग की है। वहीं, टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने सीधे तौर पर सरकार पर गंभीर साजिश रचने का आरोप लगाया है और संसद ठप करने की चेतावनी दे दी है।
खड़गे ने अपने पत्र में 21 जुलाई 2023 को राज्यसभा चेयरमैन के दिए एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि सदन में इस प्लानेट के हर विषय पर चर्चा हो सकती है, सिर्फ सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज के आचरण को छोड़कर। लेकिन अगर जज को हटाने या महाभियोग की बात हो, तो उस पर भी चर्चा संभव है। इसी संदर्भ में उन्होंने SIR जैसे गंभीर विषय पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग दोहराई, जिसे कई दलों ने समर्थन भी दिया है।
LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge writes to Deputy Chairman Harivansh to allow discussion on the issue of Special Intensive Revision of electoral rolls in Bihar pic.twitter.com/Y32ZsCuNGd
— ANI (@ANI) August 6, 2025
बिहार में चल रहे SIR के बाद अब इसके अन्य राज्यों में लागू होने की संभावना को लेकर विपक्ष सतर्क हो गया है। खड़गे ने अपने पत्र में कहा कि इस प्रक्रिया से करोड़ों मतदाताओं के मन में भ्रम और चिंता है। विपक्षी सांसदों का मानना है कि SIR के जरिए बड़े स्तर पर मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है। बंगाल, असम समेत कई राज्यों के नेता इस मामले को लेकर एकजुट हो चुके हैं और राज्यसभा में इस पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं।
टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने केंद्र सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि SIR सरकार की सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा, “65 लाख वोटर लिस्ट से गायब कर दिए गए हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।” सिन्हा ने दावा किया कि ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं की लोकप्रियता से डरकर SIR का खेल रचा गया है।
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उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सरकार जवाब नहीं देती, संसद नहीं चलने दी जाएगी। SIR को लेकर उठे सवालों ने संसद के मानसून सत्र को नया मोड़ दे दिया है। विपक्ष जहां चर्चा और जवाब की मांग पर अड़ा है, वहीं सरकार की ओर से लोकसभा में क्लियर कर दिया गया है कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी।