
प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया
Tamil Nadu SIR: एमडीएमके प्रमुख और पूर्व सांसद वाइको ने तमिलनाडु में चल रही SIR प्रक्रिया को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और मामले को दो दिसंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में मतदाता सूची के SIR के खिलाफ दायर एमडीएमके प्रमुख वाइको की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जोयमाल्या बाग्ची की पीठ ने मंगलवार को वाइको की याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले को दो दिसंबर को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता वाइको ने अपनी अर्जी में मांग की है कि तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
वाइको ने अपनी याचिका में SIR की अधिसूचना को चुनौती देते हुए कहा है कि यह संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन करती है। उनका तर्क है कि SIR संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325, 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तथा मतदाता पंजीकरण नियम के प्रावधानों के खिलाफ है। वाइको के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि याचिका को बुधवार (26 नवंबर) को सुनवाई पर लगाया जाए, क्योंकि उस दिन तमिलनाडु SIR से संबंधित अन्य याचिकाएं भी सुनवाई के लिए लगी थीं, लेकिन कोर्ट इसके लिए सहमत नहीं हुआ। पीठ ने दो दिसंबर की तिथि तय करते हुए स्पष्ट किया कि केरल और तमिलनाडु के मामले अलग हैं, और उन्हें मिलाने से ओवरलैपिंग होगी।
तमिलनाडु में केवल वाइको ने ही नहीं, बल्कि डीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्कस्वादी (CPI-M), टीवीके सांसद थोल थिरुमावलवन और विधायक के सेल्वापरुंथगई ने भी SIR को चुनौती दी है। दूसरी ओर, एआईएडीएमके (AIADMK) ने SIR के समर्थन में कोर्ट में अर्जी दी है। सुप्रीम कोर्ट में SIR से जुड़े मामले बिहार, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से पहुंच चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गत 11 नवंबर को तमिलनाडु से संबंधित अन्य याचिकाओं पर भी चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था।
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साथ ही, कोर्ट ने उच्च न्यायालयों से कहा था कि वे अपने यहां SIR से संबंधित याचिकाओं पर फिलहाल सुनवाई टाल दें। कोर्ट 26 नवंबर को केरल में निकाय चुनावों को देखते हुए SIR टालने की अर्जियों पर भी सुनवाई करेगा, जिसके अलावा बिहार के लंबित मामले पर भी सुनवाई होगी।






