आदित्य ठाकरे व सिद्धारमैया (सोर्स: सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: कर्नाटक के बेलगावी में महाराष्ट्र एकीकरण समिति द्वारा आयोजित एक सम्मेलन पर सिद्धारमैया ने रोक लगा दी है। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) ने नेता आदित्य ठाकरे ने इसका विरोध करते हुए बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पलटवार किया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे की बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग को ‘बचकाना’ करार दिया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि “बेलगाम पर महाजन आयोग की रिपोर्ट अंतिम है। यह मांग करना मूर्खता है कि जिले को महाराष्ट्र में शामिल किया जाना चाहिए। कर्नाटक सरकार इस संबंध में दिए जा रहे बचकाने बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी।”
महाराष्ट्र एकीकरण समिति के विरोध के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि “अगर महाराष्ट्र एकीकरण समिति विरोध करती है, तो क्या हम चुप रहेंगे?”
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बता दें कि सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि कर्नाटक सरकार ने ‘महाराष्ट्र एकीकरण समिति’ को कर्नाटक में अपना सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।”
आदित्य ठाकरे ने कहा कि “हम मराठी लोगों के न्याय के लिए बेलगाम को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन करने के लिए तैयार हैं।” ठाकरे ने मराठी लोगों के खिलाफ अन्याय को समाप्त करने की भी मांग की।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा कि “कर्नाटक सरकार ने न केवल बेलगाम में आयोजित महाराष्ट्र एकीकरण समिति के महाधिवेशन को अनुमति देने से इनकार कर दिया, बल्कि बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया और सीमाएं भी बंद की जा रही हैं। मराठी लोगों पर इस अन्याय के खिलाफ कड़ा विरोध करते हैं।”
गौरतलब है कि बेलगावी कर्नाटक का एक जिला है जो महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुआ है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को ‘मराठी एकीकरण समिति’ को राज्य में अपना सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति न देने के लिए कर्नाटक सरकार की आलोचना की।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि “कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों ने एक सम्मेलन आयोजित किया था। इस देश में, कोई कहीं भी रह सकता है, कहीं भी जा सकता है और एक सम्मेलन आयोजित कर सकता है, लेकिन कर्नाटक सरकार ने दमन का चक्र चलाया और विधायक, महापौर और मराठी एकीकरण समिति के 100 से अधिक मराठी भाषी भाइयों और बहनों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने सम्मेलन का आयोजन किया था। मैं इसकी निंदा करता हूं।”