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नई दिल्ली: यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया था कि जिस 55 बीघा जमीन पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वह वक्फ बोर्ड की है। इस बयान के बाद काफी हंगामा हुआ था और आरोप-प्रत्यारोप भी लगे थे।
शहाबुद्दीन रजवी के इस बयान पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वक्फ बोर्ड साबित कर दे कि यह संपत्ति उनकी है तो हम जमीन उन्हें वापस दिला देंगे। लेकिन अगर वे साबित नहीं कर पाए तो हम उन्हें लोगों को गुमराह करने के लिए जेल में भी डाल देंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, ”वो (मुस्लिम) कह रहे हैं कि जमीन हमसे छीनी गई, तो पहले ये बताएं कि जमीन पर कब्जा किसने किया था। उस व्यक्ति का नाम बताएं जिसने आपसे जमीन छीनी। हमारे धर्म में कहा गया है कि अगर आप किसी की जमीन पर बैठकर तपस्या करते हैं तो उस तपस्या का कुछ फल उस जमीन के मालिक को भी मिलेगा। तो अगर आपको हमारे किए पुण्य का कुछ हिस्सा मिल रहा है तो आपको क्या दिक्कत है?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर मुसलमान सबूत देते हैं तो वो खुद उनके लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ”अगर आप कोर्ट नहीं जाना चाहते तो परम धर्म संसद में आइए, अगर आप सही साबित हुए तो हम अपने समाज के साथ लड़कर आपको वो (जमीन) दिलवाएंगे और अगर नहीं तो देश को गुमराह करने के आरोप में आपको जेल में डाल देंगे।”
महाकुंभ की जमीन पर वक्फ के दावे के बाद उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी अदित्यनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वक्फ संपत्तियों को कब्जाता है। महाकुंभ का इतिहास हजारों साल पुराना है। ऐसे में जो भी जमीन वक्फ बोर्ड ने अवैध तरीके से कब्जाई है हम वह एक-एक इंच जमीन वापस लेंगे।
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आपको बता दें कि प्रयागराज में 12 साल बाद 13 जनवरी को महाकुंभ का आग़ाज होने जा रहा है। एक महीने तक चलने वाले इस महापर्व में देश और दुनिया से करोड़ों की संख्या में श्रृद्धालु पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इस महाआयोजन के लिए सूबे की योगी सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।