जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की बिगड़ी तबीयत (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत इस वक्त और ज्यादा बिगड़ गई अभी इनके खिलाफ CBI ने 2200 करोड़ के किरू हाइड्रोपावर घोटाले में चार्जशीट दाखिल की। राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती मलिक ने खुद अपनी हालत की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने लिखा कि वह बहुत कमजोर हैं, किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं और लगातार डायलिसिस चल रही है। उनके इस पोस्ट के साथ अस्पताल के बेड पर लेटी हुई तस्वीर सामने आई, जिसने कई सवालों को जन्म दिया—क्या ये महज संयोग है या गहराता दबाव?
CBI ने किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित गड़बड़ियों को लेकर फरवरी 2024 में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब चार्जशीट में मलिक समेत 6 लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह मामला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बन रहे प्रोजेक्ट में ठेका प्रक्रिया में घपले से जुड़ा है। आरोप है कि नियमों को नजरअंदाज कर एक खास कंपनी को सीधे ठेका दे दिया गया, जिससे परियोजना में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
नमस्कार साथियों।
मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हू। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब… pic.twitter.com/yTWGxuHkyC— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 22, 2025
चार्जशीट के साथ अस्पताल से आई तस्वीर
CBI की चार्जशीट दाखिल होने के कुछ ही घंटों बाद सत्यपाल मलिक की तबीयत को लेकर चिंता बढ़ गई। 11 मई से अस्पताल में भर्ती मलिक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह संक्रमण के चलते भर्ती हैं और हालत लगातार बिगड़ रही है। उनकी पोस्ट के साथ सामने आई फोटो में वे अस्पताल के बेड पर कमजोर हालत में दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि डायलिसिस जारी है और फिलहाल किसी से भी बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
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2200 करोड़ के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप
किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े इस मामले में CBI ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि ठेका प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गईं। CVPPPL द्वारा पहले तय किया गया था कि टेंडर रिवर्स ऑक्शन और ई-टेंडरिंग के जरिए फिर से किया जाएगा, लेकिन बिना नियमों का पालन किए एक कंपनी को सीधे ठेका दे दिया गया। CBI ने मलिक समेत 6 अन्य पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास के लिहाज़ से बेहद अहम माना जाता है।