ननकाना साहिब यात्रा पर रोक को लेकर सिख समुदाय में रोष (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
Indian Government Stay on Nankana Sahib Yatra: केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब की यात्रा पर रोक लगाने के फैसले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सिख संगठनों ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप बताया है। उनका कहना है कि पिछले 70 सालों में युद्ध जैसे हालातों में भी यह यात्रा कभी नहीं रोकी गई। यह पहली बार है जब श्रद्धालुओं को गुरु नानक देव की जन्मस्थली के दर्शन करने से रोका जा रहा है, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा ने सरकार के इस एकतरफा फैसले को अस्वीकार्य बताया है। सभा ने स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय से ही दोनों देशों के बीच एक सहमति थी, जिसके तहत सिख श्रद्धालुओं को गुरुपर्व और अन्य विशेष मौकों पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन की अनुमति मिलती रही है। यह सिलसिला सात दशकों से बिना किसी रुकावट के चला आ रहा था। संगठनों का मानना है कि यह निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक है, क्योंकि पाकिस्तान में सिख समुदाय को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव डॉ. कुशल सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे तनावपूर्ण समय और युद्ध की स्थिति में भी सिख जत्थे ननकाना साहिब जाते रहे हैं। उन्होंने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान जब दोनों देशों की सीमाएं सील कर दी गई थीं, तब भी भारत सरकार ने सिखों की इस पवित्र यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था। उन्होंने कहा कि सिख संगठनों से बिना कोई सलाह-मशविरा किए सरकार का यह फैसला लेना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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इस फैसले के विरोध में जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का सीधा उल्लंघन है, जो सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है। बयान में डॉ. कुशल सिंह के साथ जस्टिस रंजीत सिंह, गुरतेज सिंह, ताज मुहम्मद, शमशेर कारी, डॉ. प्यारे लाल गर्ग, राजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, हमीर सिंह, दीपक शर्मा, मलविंदर सिंह माली और कैप्टन गुरदीप सिंह गुमनाम जैसे कई प्रमुख नाम शामिल हैं। उन्होंने तनाव के इस दौर में गुरु नानक देव के भाईचारे के संदेश को फैलाने की जरूरत पर जोर दिया और बंद पड़े करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने की अपील की। उधर, पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड ने भी भारत से 22 सितंबर को गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं को आने देने की गुजारिश की है।