मोहन भागवत (Image- Social Media)
Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि हर परिवार को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पारिवारिक व्यवस्था बनी रहे और देश की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो, इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक परिवार में तीन संतान हों। मोहन भागवत ने कहा कि हमने देश के बंटवारे का विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि हम अखंड भारत के पक्षधर हैं और इस पर हमारा विश्वास है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हम सभी की एक ही पहचान है। सभी लोग हिंदू हैं और उनकी पहचान एक ही है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एकता की बात वहीं होनी चाहिए, जहां कोई भेदभाव मौजूद हो।
आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संगठन की ओर से देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत दिल्ली में तीन दिवसीय सम्मेलन से हो रही है, जिसमें समाज के अलग-अलग वर्गों से आने वाले लोगों से संघ प्रमुख मोहन भागवत संवाद कर रहे हैं। गुरुवार को सम्मेलन के तीसरे दिन उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि परिवार में तीन बच्चे हों। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि हमें अवैध घुसपैठ को रोकने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध घुसपैठ रोकने के प्रयास कर रही है, लेकिन समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और अवैध घुसपैठ के कारण ही देश में जनसंख्या का असंतुलन उत्पन्न हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म व्यक्ति की निजी पसंद का विषय है, इसमें किसी भी प्रकार का दबाव या लालच नहीं होना चाहिए। मोहन भागवत ने एक बार फिर यह दोहराया कि हिंदू समाज में एकजुटता की आवश्यकता है। इसके लिए मंदिर, श्मशान और कुओं को एक समान रखना जरूरी है।
इस दौरान मोहन भागवत से आरक्षण को लेकर भी एक सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि अगर किसी समुदाय के साथ अन्याय हुआ है और उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, तो उन्हें सहयोग मिलना चाहिए।
यह भी पढ़ें- मोदी के बाद कौन बनेगा प्रधानमंत्री? जनता ने कर दिया फैसला, योगी-शाह की टक्कर में किसने मारी बाजी?
उन्होंने यह भी कहा कि समाज की एकता के लिए यह आवश्यक है कि अगर कोई व्यक्ति नीचे गिरा हुआ है तो उसे सहारा देकर ऊपर उठाया जाए। इसी से सामाजिक एकता आएगी। उन्होंने कहा कि हमें इस दिशा में सौहार्द्र के साथ काम करना होगा। मोहन भागवत ने कहा कि जब तक आरक्षण पाने वालों को यह महसूस नहीं होता कि वे स्वयं खड़े हो सकते हैं, तब तक हम आरक्षण के समर्थन में हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के तहत जितना आरक्षण दिया गया है, हम उसके पक्ष में हैं। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य समाज से जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है और इसके लिए हर प्रकार की खाई को पाटना जरूरी है।