संसद में कुत्ता और अब रेणुका चौधरी का एक और गजब बयान (फोटो- सोशल मीडिया)
Renuka Chowdhury Dog in Parliament New Statement: संसद का शीतकालीन सत्र राजनीतिक सरगर्मी से ज्यादा एक ‘कुत्ते’ की वजह से चर्चा में है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपनी गाड़ी में एक कुत्ते को लेकर संसद पहुंच गईं, जिसके बाद बवाल मच गया। लेकिन असली धमाका तो उनके उस नए बयान ने किया है, जिसने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। रेणुका ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि किसी सांसद की तुलना कुत्ते से करना असल में कुत्तों का अपमान है। इस बयान ने विवाद की आग में घी डालने का काम किया है।
यह पूरा मामला 1 दिसंबर का है जब रेणुका चौधरी संसद आ रही थीं। रास्ते में एक स्कूटर और कार की टक्कर के बीच एक कुत्ता सड़क पर घूम रहा था। उसे बचाने के लिए रेणुका ने दरियादिली दिखाई और उसे अपनी सांसद वाली गाड़ी में बिठा लिया। उन्होंने उसे संसद परिसर लाकर स्टाफ को सौंप दिया ताकि उसे सुरक्षित जगह भेजा जा सके। रेणुका की यह नेकी संसद के नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के बीच फंसकर एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है।
रेणुका की इस कोशिश पर बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने इसे संसद की गरिमा पर बट्टा और विशेषाधिकार का दुरुपयोग बताया। पाल ने सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि कुत्ता संसद में लाना लोकतंत्र का अपमान है। जब रेणुका से सुरक्षा कर्मियों ने नियम समझाने की कोशिश की तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि यह कुत्ता किसी को नहीं काटता, असली काटने वाले तो संसद के अंदर बैठे हैं जो रोज हमें काटते हैं। उनका इशारा उन विरोधियों की तरफ था जो अक्सर उन पर हमलावर रहते हैं। रेणुका ने यह भी कहा कि जब हम किसी बेजुबान की मदद करते हैं तो सरकार के लिए यह बड़ा मुद्दा बन जाता है, क्या उनके पास कोई और काम नहीं है।
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विवाद बढ़ने पर रेणुका चौधरी ने एक टीवी इंटरव्यू में अपनी बात को और धारदार तरीके से रखा। उन्होंने साफ किया कि मैंने किसी सांसद को कुत्ता नहीं कहा, क्योंकि ऐसा करना तो खुद कुत्तों का अपमान होगा। रेणुका ने दलील दी कि कुत्तों में जो वफादारी और निस्वार्थ प्यार होता है, वह इंसानों में कहां मिलता है। इंसानों को कुत्ता कहना डॉगीज की बेइज्जती है। अब उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है। जहां कांग्रेस इसे घटना को बड़ा बनाने की साजिश बता रही है, वहीं रेणुका पर विशेषाधिकार हनन के नोटिस की तलवार लटक रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद के गलियारों से शुरू हुआ यह किस्सा कहां जाकर थमता है।