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मुंबई: RBI की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) ने लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। इस दौरान RBI गवर्नर ने GDP के अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 6, 2023
MPC के सभी सदस्य दरों को स्थिर रखने के पक्ष में
RBI गवर्नर ने कहा है कि सितंबर महीने में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। RBI गवर्नर ने कहा है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार महंगाई की ऊंची दर अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। गवर्नर के अनुसार एमपीसी के छह में से पांच सदस्य अकोमोडेटिव रुख बरकरार रखने के पक्ष में रहे। MPC के सभी सदस्यों को दरों को स्थिर रखने के पक्ष में सहमति दी है।
वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार
RBI गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी आई है। FY24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार है। तीसरी तिमाही के लिए भी विकास दर का अनुमान 6% पर ही अपरिवर्तित रखा गया है। इस दौरान RBI गवर्नर ने कहा है कि पॉलिसी दरों के लंबे समय तक ऊंची दरों पर बने रहने का अनुमान है।
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 6, 2023
RBI गवर्नर महंगाई पर ये बोले
RBI गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि टमाटर की कीमतों में कमी आने से महंगाई के कम होने की संभावना बढ़ी है। FY24 के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। दूसरी तिमाही के लिए महंगाई के अनुमान को 6.2% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया गया है।
RBI गवर्नर की बैंकों को ये सलाह
अपने संबोधन के दौरान RBI गवर्नर ने बैंकों और एनबीएफसी को अपना सर्विलांस सिस्टम मजबूत करने की सलाह दी है। उन्होंने बैंको से कहा है कि वे अपने अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें। RBI गवर्नर ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए गोल्ड लोन की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का एलान किया है।
बारीकी से कर रहा निगरानी
शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI वैश्विक स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और संभावित जोखिम पैदा हो सकते हैं।