रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर से ठीक पहले “जैसा आप चाहते हैं, वैसा अब होकर रहेगा” से लेकर चार दिन तक चले ऑपरेशन के बाद “यह सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है” के जरिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार की सबसे मजबूत आवाज बनकर उभरे हैं।
अपने संतुलित, समावेशी और संयमित व्यवहार के लिए जाने जाने वाले सिंह ने पिछले एक पखवाड़े में अपने मुखर रुख से कई लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मिलकर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करने का बीड़ा उठाया है। लेकिन जिस तरह से उन्होंने बात की और काम किया, उसने कई लोगों को आश्चर्यचकित और प्रेरित किया है।
23 अप्रैल को पहलगाम हमले के अगले ही दिन राजनाथ सिंह ने पहली बार कड़ा संदेश देते हुए कहा, “हम सिर्फ हमले को अंजाम देने वालों तक नहीं पहुंचेंगे, बल्कि उनके पीछे छिपे मास्टरमाइंड्स को भी ढूंढ निकालेंगे।”
इसके बाद 4 मई को दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “जैसा आप चाहते हैं, वैसा अब होकर रहेगा। देश पर बुरी नजर डालने वालों को करारा जवाब देना मेरा कर्तव्य है।” और ठीक तीन दिन बाद, 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई।
ऑपरेशन सिंदूर शुरू होते ही राजनाथ सिंह पहले वरिष्ठ मंत्री बने जिन्होंने इसकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने साहस, संयम और रणनीतिक कुशलता से एक नया इतिहास रचा है। उन्होंने भगवान हनुमान के आदर्शों की बात करते हुए कहा, “जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे।”
8 मई को उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। फिर 11 मई को ब्रह्मोस मिसाइल फैसिलिटी के उद्घाटन पर उन्होंने कहा, “हमने न केवल सीमा के पास मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया, बल्कि रावलपिंडी तक भारतीय सेना की धमक महसूस की गई है।”
पिछले कुछ दिनों में राजनाथ सिंह ने श्रीनगर के बादामी बाग कैंटोनमेंट और गुजरात के भुज एयरबेस का दौरा किया। उन्होंने जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा, “आपकी ऊर्जा ने दुश्मनों को तहस-नहस कर दिया। पाकिस्तान की हर एक बंकर को जिस तरह से ध्वस्त किया गया, वो हमेशा याद रखा जाएगा।”
उन्होंने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाया और कहा कि “क्या एक दुष्ट राष्ट्र के पास सुरक्षित परमाणु हथियार होने चाहिए?” साथ ही उन्होंने IMF को भी चेताया कि पाकिस्तान को मिलने वाला एक अरब डॉलर का पैकेज कहीं आतंकवाद फैलाने में ना लग जाए।
राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। जो हुआ है, वो तो सिर्फ ट्रेलर था… असली पिक्चर अभी बाकी है।” उनके इस बयान ने न केवल पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दिया बल्कि पूरे देश को यह विश्वास भी दिलाया कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सर्जिकल स्ट्राइक हो या बालाकोट एयरस्ट्राइक, हर बार राजनाथ सिंह रणनीतिक टीम का हिस्सा रहे हैं। लेकिन इस बार, एक रक्षामंत्री के रूप में उनका अंदाज कहीं अधिक निर्णायक और आक्रामक रहा।