राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में ऐसा बयान देकर भारत की सैन्य नीति की स्पष्ट झलक दी। रक्षा मंत्री इस समय मोरक्को की राजधानी रबात में हैं, जहां वे दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं।
रक्षा मंत्री ने रबात में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए कायराना हमले के बाद सेनाओं को हर स्तर पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्रता दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई सोच-समझकर, जिम्मेदारी के साथ और बिना उकसावे के की गई। प्रवासी भारतीयों ने इस दौरान “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाई की सराहना की और भारत की सैन्य नीति के प्रति समर्थन जताया।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘कोई किस धर्म में विश्वास रखता है, हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है। इसके लिए हर कोई आजाद है, जो जिस धर्म को चाहे मान सकता है। कोई किसी भी धर्म से हो हम कभी किसी से भेदभाव नहीं करते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने सिर्फ उनको मारा जिन्होंने हमारे मासूम लोगों की जान ली। हमने किसी नागरिक या किसी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों में भारत की बहुआयामी प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही शीर्ष तीन में शामिल होने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप्स और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में हुई तेज प्रगति की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने कहा, “10 साल पहले जहां भारत में केवल 18 यूनिकॉर्न थे, आज उनकी संख्या 118 पहुंच चुकी है। रक्षा क्षेत्र में भी ऐतिहासिक बढ़त हुई है। भारत अब 100 से अधिक देशों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है।”
रक्षा मंत्री ने प्रवासी भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका योगदान ‘भारतीय चरित्र’ की वैश्विक पहचान है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का शिकागो संबोधन याद करते हुए कहा कि भारत में व्यक्ति का मूल्य उसके चरित्र से तय होता है, न कि उसकी जाति, धर्म या स्थिति से।
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राजनाथ सिंह की यह यात्रा मोरक्को में किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली यात्रा है। इस दौरे को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा और सामरिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान वे मोरक्को के उच्च अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे।