AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा व पूर्व उपराष्ट्रपति व सभापति जगदीप धनखड़ (फोटो- सोशल मीडिया)
Annual Health Check up: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से मांग की है कि प्रत्येक नागरिक को हर साल स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार दिया जाए। राज्यसभा के मानसून सत्र में राघव चड्ढा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद देश में हार्ट अटैक और अन्य बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मैंने संसद में यह मांग रखी कि हर नागरिक को हर साल हेल्थ चेकअप कराने का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए।”
”कोविड के बाद दिल की बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बहुत बढ़ गई हैं। अगर बीमारियों का समय रहते पता चल जाए, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।” उन्होंने कहा कि कई विकसित देश अपने नागरिकों को हर साल मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा देते हैं, जिसका खर्च सरकार उठाती है। फिर भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राघव चड्ढा ने कहा, ”इलाज और स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ अमीरों के लिए नहीं होनी चाहिए। सभी लोगों को नियमित जांच की सुविधा मिलनी चाहिए, चाहे वे गरीब हों या अमीर।”
I raised a demand in Parliament:
Make Annual Health Check-up a Legal Right of every citizen.Post COVID-19, we’re seeing a sharp rise in heart failures and other health issues. Early detection can save lives.
In many countries, the government funds & mandates annual health… pic.twitter.com/FqnloWNx3x
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 22, 2025
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब हाल ही में कई युवा और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में भी अचानक दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियां देखी गई हैं। हर साल होने वाली 70 प्रतिशत से ज्यादा मौतें दिल से जुड़ी बीमारी, कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और फेफड़ों की बीमारी आदि जैसी गैर-संचारी बीमारियों के कारण होती हैं। अगर इन बीमारियों की नियमित जांच हो, तो देश की स्वास्थ्य समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
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सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक राष्ट्रव्यापी एनसीडी जांच अभियान शुरू किया था, जिसका उद्देश्य डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों के उपचार के लिए 30 साल और उससे ज्यादा की उम्र के सभी लोगों की जांच करना है। यह जांच अभियान आयुष्मान आरोग्य मंदिर और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर चलाया गया और इसने अपने 89.7 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा भी किया। आप के राज्यसभा सांसद के द्वारा उठाया गया यह मुद्दा देश की स्वास्था समस्या के प्रति सरकार को एक और विचार करने के लिए प्रषित करता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)