फाइटर जेट राफेल। इमेज-सोशल मीडिया
safran india engine deal: फ्रांस की प्रमुख एरोस्पेस एवं रक्षा कंपनी सैफ्रन भारत में लड़ाकू विमान राफेल में लगने वाले एम88 इंजन और अन्य महत्त्वपूर्ण उपकरणों के लिए कारखाना लगाने को तैयार है। सैफ्रन के मुख्य कार्याधिकारी ओलिवियर एंड्रीज ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल इन लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर देते हैं तो कंपनी भारत में फाइनल असेंबली लाइन स्थापित करेगी। एंड्रीज ने कहा कि सैफ्रन फिलहाल भारत के विक्रेताओं से सालाना 10 करोड़ यूरो के कलपुर्जे खरीद रही, जो अधिक नहीं है। कंपनी भारत से आपूर्ति को 2030 तक बढ़ाकर 50 करोड़ यूरो करने की योजना बना रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हैदराबाद में सीएफएम लीप इंजन के लिए सैफ्रन के सबसे बड़े एमआरओ केंद्र का उद्घाटन किया। यह इंजन कमर्शियल नैरोबॉडी विमान में लगाया जाता है। हैदराबाद में एम88 इंजन के लिए एमआरओ केंद्र की आधारशिला भी रखी गई। इसी कार्यक्रम के बाद एंड्रीज संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
सीईओ ने कहा कि भारत में सैफ्रन की आय 2030 तक तीन गुना बढ़कर 3 अरब यूरो की उम्मीद है। उन्होंने कहा, भारतीय वायुसेना अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमानों के ऑर्डर देती है तो हम भारत में मौजूदगी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। कोई बड़ा ऑर्डर मिलता है तो हम भारत में एम88 इंजन एवं अन्य महत्त्वपूर्ण उपकरणों के लिए असेंबली लाइन स्थापित करेंगे। राफेल के लिए सैफ्रन केवल इंजन का ही उत्पादन नहीं करती, बल्कि वह लैंडिंग गियर, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, एयर कंडीशनिंग और ऑक्सीजन सिस्टम बनाती है। हम इजेक्टेबल सीटों के लिए भी साझेदार हैं। राफेल का 20 फीसदी से अधिक हिस्सा सैफ्रन द्वारा विनिर्मित है।
भारत ने 62 राफेल के लिए ऑर्डर दिए हैं। 2016 में वायु सेना के लिए 36 और 2025 में नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों को मंजूरी दी गई। वायुसेना के लिए राफेल विमानों की डिलिवरी पहले हो चुकी है। वायु सेना ने इस साल 114 अतिरिक्त राफेल हासिल करने का प्रस्ताव दिया है, जो मेक इन इंडिया के तहत अहम स्थानीयकरण के साथ भारत में बनाए जाएंगे। मंजूरी मिलती है तो राफेल बेड़े में 176 विमान होंगे।
कुछ वाणिज्यिक विमानन कंपनियों या उनसे जुड़ी कंपनियों जैसे-सिंगापुर टेक्नॉलजीज, एयर फ्रांस-केएलएम, लुफ्थांसा टेक्निक और डेल्टा एयरलाइंस ने सीएफएम लीप इंजन एमआरओ केंद्र स्थापित करने के लिए सैफ्रन से लाइसेंस लिया है। एंड्रीज ने कहा, भारतीय कंपनी इच्छुक और वह अपना एमआरओ स्थापित करना चाहती है तो हम इसे प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं देखते हैं। हमारा मानना है कि 20 साल बाद हमें काफी क्षमता की जरूरत होगी।
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एंड्रीज ने कहा कि इंजन एमआरओ केंद्र स्थापित करने को विमानन कंपनी के पास सीएफएम लीप इंजन वाले विमानों का बड़ा बेड़ा होना चाहिए। नया सीएफएम लीप इंजन एमआरओ सेंटर 20 करोड़ यूरो के कुल निवेश से स्थापित हो रहा और 2026 में चालू होगा। 45,000 वर्ग मीटर के इस केंद्र की क्षमता को सालाना 300 लीप इंजन शॉप विजिट तक बढ़ाई जाएगी। इससे शुरुआत में 250 से अधिक लोगों और पूरी क्षमता पर 1100 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।