'VB G RAM G' को राष्ट्रपति की मंजूरी (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
President Draupadi Murmu Assent VB-G Ram Ji Bill: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत -रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) ‘VB-GRAM’ बिल, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, अब यह कानून ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह ले ली है। ग्रामीण परिवारों के लिए मजदूरी रोजगार की गारंटी अब बढ़ाकर प्रति वर्ष 125 दिन कर दी गई है। इस कानून ने पुराने मनरेगा एक्ट की जगह ले ली। मोदी सरकार के इस फैसले को ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है।
संसद में भारी शोर-शराबे और विपक्ष के विरोध के बावजूद गुरुवार को यह बिल पास हो गया था। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों को खत्म किया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सही मायने में लागू किया है। मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गांधी का नाम चुराने का पाप किया है, जबकि हमारी सरकार उनके दिखाए रास्ते पर चलकर गरीबों का कल्याण कर रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने यूपीए और एनडीए सरकार के काम की तुलना करते हुए आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के राज में जहां सिर्फ 1660 करोड़ मानव दिवस का काम पैदा हुआ था, वहीं मोदी सरकार ने रिकॉर्ड 3210 करोड़ मानव दिवस सृजित किए हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं की भागीदारी भी पहले के 48 प्रतिशत से बढ़कर अब 56.73 प्रतिशत हो गई है। सरकार का दावा है कि पिछला कानून उतनी ताकत से लागू नहीं किया गया था, जितना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसे प्रभावी बनाया गया है। अब नया कानून श्रमिकों की सुरक्षा और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करेगा।
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यह नया कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को पूरा करने के लिए लाया गया है। इसका पूरा नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ है। इसका मकसद सिर्फ काम देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में खेती और रोजगार के बीच संतुलन बनाना है। अब गांवों में स्थानीय जरूरतों के हिसाब से योजनाएं बनेंगी और पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इससे गांव के लोगों की आमदनी बढ़े और उन्हें शहर की तरफ पलायन न करना पड़े। यह कानून कृषि उत्पादकता को भी नई रफ्तार देगा और ग्रामीण परिवारों की जेब में ज्यादा पैसा आएगा।