राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (फोटो- सोशल मीडिया)
21 अप्रैल को पोप फ्रांसिस का निधन हुआ था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त कर पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों की पूरी इमानदारी से सेवा की। जो पीड़ित थे उनमें आशा की भावना जगाई। भारत के लोगों के प्रति उनका खासा स्नेह था।
भारत के विदेश मंत्रालय ने पोप फ्रांसिस के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया था। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन भारत में एक दिन का अतिरिक्त राजकीय शोक भी रखा जाएगा। इस दौरान भारत का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कोई भी आधिकारिक मनोरंजन का कार्यक्रम नहीं होगा।
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विश्व भर के 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की जानकारी साझा की है। इनमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राट भी शामिल होंगे। अंतिम संस्कार में राष्ट्राध्यक्षों और राजपरिवारों के शामिल होने की पुष्टि की गई है। इन खास लोगों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस विलियम, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के राजा फेलिप VI और रानी लेटिज़िया और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा आदि शामिल हैं।