जस्टिस बीआर गवई (सोर्स- सोशल मीडिया)
Justice BR Gavai: छह महीने तक भारत के चीफ जस्टिस के तौर पर काम करने के बाद जस्टिस बी.आर. गवई अब रिटायर हो गए हैं। इस बीच नए CJI सूर्यकांत ने पदभार संभाल लिया है। इस मौके पर जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने सफर के बारे में खुलकर बात की और रिटायरमेंट के बाद अपने पॉलिटिकल करियर को लेकर लग रही अटकलों को लेकर भी जवाब दिया।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 330 से ज्यादा फैसलों में शामिल रहे। उन्होंने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 14 मई को कार्यकाल संभाला था।
जस्टिस बीआर गवई रिटायरमेंट के बाद एक टीवी चैनल को एक इंटरव्यू दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि आपने कहा था कि आप रिटायरमेंट के बाद नौकरी नहीं करेंगे। क्या आपके पॉलिटिक्स में आने की कोई संभावना है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। मैं बस शांति से हूं। मैंने कुछ न करने का फैसला किया है और मेरा मानना है कि आपको वर्तमान में जीना चाहिए।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा किजहां तक मेरा सवाल है, मैं किसी ट्रिब्यूनल के हेड का पद स्वीकार नहीं करूंगा, मैं गवर्नर का पद स्वीकार नहीं करूंगा, मैं राज्यसभा में कोई नॉमिनेटेड पद स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इस बारे में बहुत साफ हूं।
सोमवार को भारत के चीफ जस्टिस के तौर पर अपने पहले दिन जस्टिस सूर्यकांत ने एक नया प्रोसीजरल नियम बनाया। उन्होंने कहा कि अर्जेंट लिस्टिंग के लिए केस लिखकर मेंशन किए जाने चाहिए और मौत की सज़ा और पर्सनल लिबर्टी जैसे खास हालात में ही ओरल रिक्वेस्ट पर विचार किया जाएगा। CJI सूर्यकांत की हेड वाली बेंच ने पहले दिन करीब दो घंटे तक 17 केस सुने।
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इससे पहले, पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में केस की अर्जेंट लिस्टिंग के लिए ओरल मेंशनिंग का तरीका बंद कर दिया था। हालांकि, जस्टिस खन्ना की जगह लेने वाले जस्टिस गवई ने इसे फिर से शुरू कर दिया। आम तौर पर वकील अर्जेंट लिस्टिंग के लिए चीफ जस्टिस के सामने ओरल मेंशन करते हैं।