रामभद्राचार्य और नेहा सिंह राठौर
Controversial Statement Of Rambhadracharya: मेरठ के विक्टोरिया पार्क में रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य के द्वारा दिए गए एक बयान को लेकर बवाल मच गया है। उनके इस बयान की सियासी गलियारों से लेकर तमाम लोग आलोचना कर रहे हैं। इसी कड़ी में लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने भी रामभद्राचार्य के बयान की कड़ी निंदा की है।
नेहा सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रामभद्राचार्य के इस बयान कि आलोचना की है। नेहा ने उनके बयान को शेयर करते हुए लिखा, ‘क्या गेरुआ वस्त्र पहन कर कुछ भी अनाप-शनाप बकना गेरुए वस्त्र का अपमान नहीं है? देश की एकता और अखंडता को सबसे ज्यादा खतरा इन भाजपाई विद्वानों से है।’
जैसे ही नेहा सिंह राठौर ने रामभद्राचार्य के बयान की निंदा कि वैसे हर बार कि तरह यूजर्स ने उनपर निशाना साधा शुरू कर दिया। रामभद्राचार्य को लेकर किए गए पोस्ट से यूजर्स भड़क गए और उनको जमकर फटकार लगाई है। एक यूजर ने लिखा, ‘यें भारत के महान संत हैं इनका अपमान हिंदुओं का अपमान है। सोच लो अच्छी तरह।’ वहीं कुछ यूजर्स ने रामभद्राचार्य के बयान को भड़काऊ बताया है। वहीं एक अन्य यूजर ने नेहा पर निशाना साधते हुए लिखा कि, देश की एकता और अखंडता को सबसे ज़्यादा खतरा तुम जैसे कांग्रेसी ‘चमचों’ से है।
नेहा सिंह राठौर ने पोस्ट शेयर कर साधा निशान
बता दें कि, नेहा सिंह राठौर एक भारतीय लोक गायिका और राजनीतिक व्यंग्यकार हैं, जो भोजपुरी भाषा में गीत गाती और रचती हैं। वह राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित गीतों के लिए जानी जाती हैं। समय-समय पर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर गीत के जरीए सरकार को घेरने का काम करती है। नेहा के द्वारा गाए गीत जैसे ‘बिहार में का बा’, ‘यूपी में का बा?’ और एमपी में का बा? से वे सुर्खियों में आईं थी। उन्होंने राजनीतिक गीतकार, भोजपुरी गायिका और यूट्यूबर के तौर पर अपनी पहचान बनाई है।
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बता दें कि मेरठ के विक्टोरिया पार्क में रामकथा के दौरान रामभद्राचार्य ने कहा था कि, ‘आज हिन्दुओं पर बहुत संकट है। हम अपने ही देश में हिंदू धर्म को उतना न्याय नहीं दे पा रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आकर लगता है, मानो ये मिनी पाकिस्तान है। अब हमें मुखर होना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। इसलिए अब हर घर में हिंदू धर्म की पाठशाला बनानी ही पड़ेगी। हर माता पिता को अपने बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देनी ही पड़ेगी।’