प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फोटो- सोशल मीडिया
PM Narendra Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ आधिकारिक बैठक करेंगे। यह शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। इस साझेदारी में रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, तकनीकी विकास, नवाचार और लोगों के बीच आपसी संपर्क जैसे मुद्दे शामिल होंगे। साथ ही दोनों नेता वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे। यह दौरा भारत और जापान के दीर्घकालिक संबंधों को और गहराई देगा।
जापान दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जापान की प्रांतीय सरकारों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे, जिससे राज्य स्तर पर सहयोग के नए अवसर तलाशे जा सकें। इसके अलावा वे जापान की प्रसिद्ध बुलेट ट्रेन की यात्रा भी करेंगे। गौरतलब है कि भारत में भी हाई-स्पीड रेल परियोजना पर जापान के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
इस यात्रा का दूसरा चरण चीन में होगा। प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वे यह यात्रा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर कर रहे हैं। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की कई अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावना है। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है और इस मंच पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
आपको बता दें कि एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी। एससीओ में इस वक्त 10 सदस्य हैं जिसमें चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं। एससीओ की हेड्स ऑफ स्टेट काउंसिल की 25वीं बैठक 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन के तियानजिन शहर में होनी है।
यह भी पढ़ें: रघुपति सहाय क्यों बन गए फिराक? जिसके लिए लालयित रहते हैं कवि…इंदिरा के उसी प्रस्ताव को मारी ठोकर
जापान यात्रा और उसके बाद चीन की इस यात्रा के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी न केवल एशिया में भारत की भूमिका को और सशक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की कूटनीतिक उपस्थिति को विस्तार दे रहे हैं। दोनों ही शिखर सम्मेलनों में भागीदारी से रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में नए अवसरों के द्वार खुलने की उम्मीद है।