(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार 10 अगस्त को लैंडस्लाइड से प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे और राहत तथा पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगे तथा हादसे में जीवित बचे लोगों से बातचीत भी करेंगे। वहीं PM मोदी के इस दौरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उन्हें धन्यावाद दिया है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बाकायदा ‘X’ पर पोस्ट कर कहा कि, “भयानक त्रासदी का जायजा लेने को लेकर वायनाड जाने के लिए थैंक्यू, मोदी जी. ये बहुत ही अच्छा फैसला है। ”
इतना ही नही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के वायनाड दौरे पर बीते शुक्रवार को उम्मीद जताई थी कि वह लैंडस्लाइड की तबाही को देखने के बाद इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे। राहुल गांधी ने X’ पर पोस्ट किया, “व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने के वास्ते वायनाड जाने के लिए धन्यवाद, मोदी जी। ये एक अच्छा फैसला है।मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही के स्तर को देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे।”
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तय कार्यक्रम के अनुसार PM मोदी आज सुबह करीब 11 बजे कन्नूर पहुंचेंगे और फिर वायनाड में लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को बचाव अभियान में शामिल दल निकासी प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे। इसके बाद PM मोदी राहत शिविर और अस्पताल जाएंगे, जहां वह पीड़ितों और लैंडस्लाइड में जीवित बचे लोगों से मुलाकात करेंगे। PM यहां एक समीक्षा बैठक भी करेंगे, जिसमें उन्हें इस घटना और राहत के प्रयासों के बारे में विस्तार से उन्हे जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के लैंडस्लाइड प्रभावित वायनाड के दौरे से एक दिन पहले ही केरल सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने इलाके का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से मुलाकात की और आपदाग्रस्त क्षेत्र में पुनर्वास एवं राहत कार्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी। राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने केंद्रीय टीम को सूचित किया है कि वायनाड के चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरी मट्टम क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों और कृषि क्षेत्र दोनों में बड़ा नुकसान हुआ है। बयान में कहा गया है कि केवल पुनर्वास उद्देश्यों के लिए ही 2,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
लैंडस्लाइड प्रभावित वायनाड पर ताजा रिपोर्टों के अनुसार, बीते 30 जुलाई को हुए विनाशकारी भूस्खलन में अब तक कुल 226 लोगों की जान जा चुकी है। 197 शवों के अंग बरामद किए गए हैं, जबकि 133 लोग अब भी लापता हैं।