प्रधानमंत्री मोदी आज नई दिल्ली में पांचवें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता, फोटो- सोशल मीडिया
5th Conference of Chief Secretaries: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 और 28 दिसंबर को दिल्ली में मुख्य सचिवों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। सहकारी संघवाद पर आधारित यह सम्मेलन केंद्र-राज्य साझेदारी को मजबूत करने और ‘विकसित भारत’ के लिए एक एकीकृत रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा रणनीतिक कदम है।
दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का मुख्य केंद्र भारत की बड़ी जनसंख्या को एक उत्पादक संसाधन के रूप में स्थापित करना है। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘विकसित भारत के लिए मानव पूंजी’ रखा गया है। बताया जा रहा है कि यह केवल एक प्रशासनिक बैठक नहीं है, बल्कि भारत की जनसंख्या को केवल एक सांख्यिकीय आंकड़े के बजाय एक सशक्त आर्थिक शक्ति यानी ‘मानव पूंजी’ के रूप में विकसित करने की सहयोगात्मक पहल है। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा कर एक साझा विकास एजेंडा तैयार किया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान पांच जरूरी क्षेत्रों पर खासा बल दिया जाएगा जो भविष्य के भारत की नींव रखेंगे। इनमें शुरूआती शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, और खेल एवं दूसरी एक्टिविटी शामिल हैं। विशेषज्ञों और मुख्य सचिवों के बीच होने वाला यह गहन विचार-विमर्श इस बात पर केंद्रित होगा कि कैसे हमारी शिक्षा प्रणालियों को और मजबूत बनाया जाए और युवाओं के लिए भविष्य के अनुरूप रोजगार के मौके को बनाया जाए।
इस आयोजन में छह खास सेशन भी होंगे, जो आधुनिक शासन की चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करेंगे। इनमें राज्यों में रेगुलेशन में ढील देने, शासन में तकनीक के उपयोग, और स्मार्ट सप्लाई श्रृंखला के लिए ‘एग्रीस्टैक’ जैसे विषयों पर चर्चा होगी। साथ ही, ‘एक राज्य, एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत‘ की योजनाओं के माध्यम से स्वदेशी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, पांडुलिपि संरक्षण, डिजिटलीकरण और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में ‘आयुष’ के ज्ञान को एकीकृत करने जैसे अनूठे विषयों पर भी मंथन होगा।
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मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन पिछले चार सालों से लगातार आयोजित किया जा रहा है, जो केंद्र और राज्यों के बीच सतत कनेक्शन का प्रतीक बन गया है। इसकी शुरुआत जून 2022 में धर्मशाला में हुई थी, जिसके बाद क्रमशः जनवरी 2023, दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 में दिल्ली में ये सम्मेलन आयोजित किए गए। यह पांचवां सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी के उस दृष्टिकोण को मजबूती देता है जहाँ केंद्र और राज्य मिलकर समावेशी भविष्य के लिए एक साथ कदम बढ़ाते हैं।