राजस्थान/जयपुर: राजस्थान की पिंक सिटी कहे जाने वाले जयपुर से एक बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। दरअसल यहां स्थित भट्टा बस्ती में मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ कुछ ऐसा खिलवाड़ हुआ जिसके बारे में जानकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, यहां 22 बच्चों से जबरदस्ती लाख के गहने बनवाने का काम किया जाता था, बीते 12 जून को पुलिस और एक बाल संस्था ने इन सभी मासूम बच्चों को रेस्क्यू किया है। आइए जानते है आखिर क्या है पूरा माजरा…
आपको बता दें कि इन बच्चों को जबरन यहां लाया गया था। बच्चों की पढ़ने और खेलने की उम्र में ही उनका बचपन छीना। ऐसे में अब जानकारी सामने आ रही है कि पुलिस ने जिन मासूमों को रेस्क्यू किया वे सभी बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, इन मासूमों से दिन के 18 घंटे काम करवाया जाता है और खाने के नाम पर सिर्फ खिचड़ी दी जाती है।
अपनी आपबीती सुनाते हुए बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्हें शाहनवाज उर्फ गुड्डू ने उनके माता-पिता को महज 500-500 रुपये देकर खरीद लिया और बिहार से भट्टा बस्ती कमा के लिए ले आया। बच्चों को एक कमरे में बंद कर सुबह से 6 बजे से रात के 11 बजे तक लाख के गहने बनाने का काम करवाता था। इतना ही नहीं बल्कि शाहनवाज की पत्नी भी इस काले काम में शामिल है। बता दें कि मासूमों के जबरन काम करवाने वाला शाहनवाज को खुद के चार बच्चे हैं, जब पुलिस की रेड पड़ी तो शाहनवाज और पत्नी अपने बच्चों को वहीं छोड़कर फरार हो गए।
रेस्क्यू के बाद जब बच्चों का मेडिकल करवाया तो इनमें से 11 साल का एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला, ऐसे में अब उस बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शाहनवाज की हैवानियत यहीं नहीं रुकी बल्कि उसने 9 साल के बच्चे को लोहे की रॉड से मारा और फिर छाती पर लात मारी इस वजह से इस मासूम बच्चे के पसलियों में सूजन आ गई है।
ऐसे में अब फिलहाल पुलिस शाहनवाज और उसकी पत्नी की तलाश में जुटी हुई है। वहीं, उसके चार बच्चे पुलिस के ही पास हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार यानी 12 जून को भट्टा बस्ती के पास स्थित एक मकान से बच्चों की चीखने की आवाजें आ रही थी। माओं ऐसा लग रहा था कि कोई बच्चों को लाठी-डंडों से मार रहा है। पड़ोस के कुछ लोगों ने ये आवाजें सुनीं तो उन्हें कुछ संदेह हुआ की यहां कुछ तो गड़बड़ है। यूं तो इस तरह की आवाजें अक्सर वहां से आती रहती थीं. लेकिन सोमवार को तो कुछ ज्यादा ही तेज आवाजें आ रही थीं। जिसके कारण पड़ोस वालों ने एक कदम उठाया जिसकी वजह से आज 22 मासूम बच्चों की जिंदगी बचा ली गई है।
जैसे है मारपीट की आवाजें तेज हो गई तो लोगों ने तुरंत इसकी सूचना ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ नाम के एक बाल संस्था को दी। इसके बाद संस्था के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने इसकी सूचना पुलिस को दी। फिर इसके बाद संस्था के कुछ लोग और पुलिस ने मिलकर यहां रेड मारी। पुलिस ने देखा कि आरोपी मालिक ने घर के बाहर ताला लगा रखा था और अंदर पहली मंजिल पर बच्चों से बाल मजदूरी करवा रहा था।
फिर टीम के एक-एक सदस्य दूसरे मकान की छत से आरोपी के घर में कूदे जिन्हें देख आरोपी मालिक शाहनवाज उर्फ गुड्डू घबरा गया और अपने खुद के चार बच्चों को छोड़ अपनी पत्नी के साथ मौके से फरार हो गया। फिर पुलिस ने एक छोटे से कमरे से बाल मजदूरी करते 22 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनकी उम्र 9 से 16 साल तक की है। अब ये बच्चे पुलिस के पास है।