डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत रामरहीम
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की अस्थायी रिहाई के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की याचिका पर सुनवाई करने से बीते शुक्रवार को इनकार कर दिया। इस बाबत जस्टीस बी आर गवई और जस्टीस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की गई थी।
वहीं बेंच ने हाई कोर्ट के समक्ष जनहित याचिका की पोषणीयता पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के वकील की आपत्ति का उल्लेख किया, जिसे कोर्ट ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि यह एक ही व्यक्ति के खिलाफ दायर की गई थी।
जानकारी दें कि, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की 20 दिन की पैरोल पूरी होने के बाद आज ही यानी शुक्रवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा में उसे रोहतक की सुनारिया जेल ले जाया गया है। बता दें कि, गुरमीत सिंह दुष्कर्म और हत्या के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
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इसके साथ ही बेंच ने आज शुक्रवार को कहा कि, ‘‘इस मामले को देखते हुए, हम मौजूदा याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।” पता हो कि, गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के मामले में 20 वर्ष की जेल की सजा काट रहा है।
वहीं उसकी अस्थायी रिहाई के खिलाफ SGPC ने हाई कोर्ट के अगस्त 2024 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने SGPC की जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यदि सिंह द्वारा अस्थायी रिहाई के लिए आवेदन दायर किया गया है, तो उस पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी ‘मनमानी या पक्षपात’ के विचार किया जाना चाहिए। यह आरोप लगाया गया कि हरियाणा सिंह को अस्थायी रिहाई देते समय ‘हरियाणा अच्छे आचरण वाले कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम -2022′ की धारा 11 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा था।
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इस बाबत SGPC के वकील ने आरोप लगाया कि, प्राधिकारियों ने सिंह को 2022 और 2024 के बीच अधिकतम अवधि के लिए बार-बार पैरोल या फरलो प्रदान किया। ‘फरलो’ किसी कैदी को एक विशिष्ट अवधि के लिए दी जाने वाली अस्थायी रिहाई है, जो सामान्यत: पारिवारिक संबंधों को बनाए रखने अथवा व्यक्तिगत मामलों को निपटाने के लिए दी जाती है।
बता दें कि, गुरमीत राम रहीम को दिल्ली चुनाव से पहले 30 दिन की पैरोल मंजूर हुई थी। वहीं इसमें से 10 दिन उसने सिरसा आश्रम और 20 दिन बरनावा आश्रम में बिताए थे। वहीं तब वह 8 फरवरी 2025 को वह बरनावा आश्रम पहुंचा था, जहां उसने अपनी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खुबसुरत समय बिताया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)