महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या- पी चिदंबरम (फोटो- सोशल मीडिया)
P Chidambaram on VB-G-RAM-G Bill: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में पास हुए VB-G-RAM-G बिल को लेकर केंद्र सरकार पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस नए कानून की तुलना महात्मा गांधी की हत्या से करते हुए कहा कि सरकार ने गांधी जी को दूसरी बार मारा है। चिदंबरम ने चेतावनी दी है कि यह बिल मनरेगा की आत्मा को खत्म कर देगा, जिससे गरीबों को मिलने वाली रोजगार की गारंटी पूरी तरह छिन जाएगी, उनके मुताबिक यह कदम लाखों गरीब परिवारों की आजीविका पर सीधा प्रहार है।
चेन्नई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद ने बिल की खामियों को उजागर करते हुए कहा कि इसका नाम न तो सही अंग्रेजी में है और न ही भारतीय भाषा में. यह केवल अंग्रेजी अक्षरों में लिखे गए हिंदी शब्द हैं, जिन्हें खुद मंत्रियों के लिए भी समझना मुश्किल है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह स्कीम अब पूरे देश में लागू नहीं होगी। केंद्र सरकार खुद तय करेगी कि किन जिलों में काम देना है और किन इलाकों को इससे बाहर रखना है।
Chennai, Tamil Nadu | On VB-G-RAM-G Bill passed in Parliament, Congress MP and former Union Finance Minister P Chidambaram says, “Mahatma Gandhi has been killed a second time by altering the scheme. It is neither proper English nor Indian, but merely Hindi words written in… pic.twitter.com/4Ucnx7wYTw — ANI (@ANI) December 21, 2025
चिदंबरम ने भावुक होते हुए कहा कि मनरेगा 12 करोड़ परिवारों के लिए एक लाइफलाइन थी, यह सुनिश्चित करता था कि घर का कोई भी सदस्य, चाहे वह बुजुर्ग हो या महिला, भूखा और उदास न सोए. इसने महिलाओं के हाथ में पैसा और आजादी दी थी। लेकिन नया बिल इन फायदों को बेरहमी से छीन रहा है। पहले जहां गरीबों का फंड पर पहला हक होता था, अब नई व्यवस्था में राज्यों को 40 फीसदी खर्च उठाना होगा, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है। आंकड़ों के मुताबिक 100 दिन के रोजगार का वादा अब औसतन 50 दिन पर सिमट गया है।
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पूर्व वित्त मंत्री P चिदंबरम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ नियमों में बदलाव नहीं, बल्कि देश की यादों से महात्मा गांधी को मिटाने की जानबूझकर की गई कोशिश है, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के लिए आजाद भारत का इतिहास 2014 से शुरू होता है। यह सिलसिला जवाहरलाल नेहरू को मिटाने से शुरू हुआ था और अब महात्मा गांधी तक पहुंच गया है। चिदंबरम ने कहा कि बजट में कटौती और बकाया मजदूरी का बढ़ता बोझ यह साबित करता है कि सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील नहीं है, लेकिन भारत के लोग इस बड़ी गलती को माफ नहीं करेंगे।