पीएम नरेन्द्र मोदी व कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (फोटो- सोशल मीडिया)
Congress on Pahalgam Attack: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए इस सैन्य अभियान को बीच में ही रोके जाने को लेकर जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को भी गंभीरता से उठाया है। वहीं, रमेश ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की पारदर्शिता और निर्णय क्षमता की मिसाल देते हुए मौजूदा बीजेपी से तुलना की है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस पूरे मामले को संसद के मानसून सत्र में प्रमुख मुद्दा बनाने की रणनीति तैयार की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस ने हमले के बाद 2 दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने लंबे समय तक नजरअंदाज किया। अब जब संसद में चर्चा के लिए समय तय हुआ है, कांग्रेस ने कई तथ्य और सवाल पहले ही सार्वजनिक कर दिए हैं, जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
The Lok Sabha is scheduled to begin a 16-hour debate on Pahalgam-Op Sindoor tomorrow and the Rajya Sabha is set to do so day after tomorrow. The INC had been demanding a special two-day session of Parliament immediately after Operation Sindoor was abruptly halted. That demand was…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 27, 2025
जयराम रमेश के द्वारा उठाय गए सवाल-
जयराम रमेश ने डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को गंभीर बताया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत के पांच लड़ाकू विमान मार गिराए जा सकते थे और उन्होंने भारत को व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्ध रोका। रमेश ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ को लंच पर बुलाया जाना और अमेरिका की पाकिस्तान की तारीफ चिंता का विषय है।
इसके साथ ही रमेश ने वाजपेयी सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि 1999 में कारगिल युद्ध के तीन दिन बाद ही ‘कारगिल समीक्षा समिति’ गठित कर दी गई थी, जिसकी रिपोर्ट ‘From Surprise to Reckoning’ संसद में रखी गई। उस समय राजनीतिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता थी, जो अब नजर नहीं आती।
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उठते सवाल और ट्रंप के दावे मोदी सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में गरमा सकती है। वाजपेयी सरकार की कार्यप्रणाली को उदाहरण बनाकर मौजूदा नेतृत्व पर हमला करना कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा दिख रहा है। अब देखना यह होगा कि संसद में इस पर सरकार क्या जवाब देती है और क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की असली सच्चाई सामने आएगी?