एमके स्टालिन व योगी आदित्यनाथ (डिजाइन फोटो)
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन और तीन भाषा नीति विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हालिया टिप्पणियों पर तीखा हमला किया है। स्टालिन ने सीएम योगी की टिप्पणियों का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और कहा कि दो-भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन पर तमिलनाडु की गूंजती आवाज ने भाजपा को परेशान कर दिया है।
अपनी तीखी प्रतिक्रिया में स्टालिन ने भाषा विवाद और परिसीमन पर सीएम योगी की टिप्पणी को एक राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी कहा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य किसी विशेष भाषा का नहीं बल्कि भाषा थोपने और अंधराष्ट्रवाद का विरोध कर रहा है, उन्होंने इस मुद्दे को सम्मान और न्याय की लड़ाई बताया।
स्टालिन ने ट्विटर पर लिखा कि दो-भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन पर तमिलनाडु की निष्पक्ष और दृढ़ आवाज पूरे देश में गूंज रही है और भाजपा स्पष्ट रूप से घबरा गई है। बस उनके नेताओं के इंटरव्यू देखें। और अब योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर उपदेश देना चाहते हैं? हमें अकेला छोड़ दो। यह विडंबना नहीं बल्कि राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है। हम किसी भाषा का विरोध नहीं करते हैं; हम थोपने और अंधराष्ट्रवाद का विरोध करते हैं। यह वोट के लिए दंगा करने की राजनीति नहीं है। यह सम्मान और न्याय की लड़ाई है।
Tamil Nadu’s fair and firm voice on #TwoLanguagePolicy and #FairDelimitation is echoing nationwide—and the BJP is clearly rattled. Just watch their leaders’ interviews. And now Hon’ble Yogi Adityanath wants to lecture us on hate? Spare us. This isn’t irony—it’s political black… https://t.co/NzWD7ja4M8 — M.K.Stalin (@mkstalin) March 27, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन भाषाओं के विवाद को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आलोचना की थी और इसे संकीर्ण राजनीति बताया था। एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने कहा था कि स्टालिन क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका वोट बैंक खतरे में है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाषा लोगों को एकजुट करे, न कि उन्हें विभाजित करे। उन्होंने बताया कि तमिल भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, जिसका इतिहास और विरासत समृद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी भाषा बांटने का काम नहीं करती, यह एकजुट करने का काम करती है।
सीएम योगी ने व्यापक दृष्टिकोण की वकालत की और एकता और समावेशिता के महत्व पर जोर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरा मानना है कि यह संदेश हमारे राष्ट्रगान से भी मिलता है। यह केवल संकीर्ण राजनीति है। जब इन लोगों को लगता है कि उनका वोट बैंक खतरे में है, तो वे क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करते हैं। इस देश के लोगों को ऐसी विभाजनकारी राजनीति से हमेशा सावधान रहना चाहिए और देश की एकता के लिए मजबूती से खड़ा होना चाहिए।
तीन भाषाओं के विवाद के कारण राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच गतिरोध पैदा हो गया है। आदित्यनाथ ने परिसीमन पर स्टालिन की चिंताओं को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक एजेंडा बताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने इस मामले पर बहुत स्पष्ट रूप से बात की है। बैठक की आड़ में यह स्टालिन का राजनीतिक एजेंडा है। मेरा मानना है कि गृह मंत्री के बयान के बाद इस मुद्दे पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।
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22 मार्च को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की अगुवाई में पहली संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने केंद्र सरकार से उन राज्यों को दंडित नहीं करने का आग्रह किया, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है। इसने परिसीमन के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से पारदर्शिता और स्पष्टता की कमी पर चिंता व्यक्त की गई।