देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ (सोर्स- सोशल मीडिया)
Heavy Rain and Flood: देशभर में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। एक तरफ जहां लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ भारी बारिश ने जलभराव, ट्रैफिक जाम, भूस्खलन और बाढ़ जैसी समस्याएं पैदा कर दी हैं। दिल्ली में एक दिन की बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी हालात चिंताजनक हैं।
दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में बुधवार शाम को भारी बारिश हुई, जो देर रात तक जारी रही। कुछ घंटों की बारिश ने जहां शहर की रफ्तार थाम दी और सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। हालात ऐसे थे कि कई इलाकों में गाड़ियां सड़कों पर तैरती नजर आईं। जिसके वीडियो भी सामने आए हैं।
भारी बारिश के कारण भारत मंडपम, झिलमिल अंडरपास, कृष्णा नगर, आईटीओ, आउटर रिंग रोड, कालकाजी, आश्रम, वजीराबाद, अक्षरधाम और मथुरा रोड जैसे इलाकों में भारी जलभराव हो गया। कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से जलाशय में तब्दील हो गईं। आरटीआर रोड और एनएच-48 पर भारी ट्रैफिक जाम लगा रहा। दिल्ली यातायात पुलिस ने जखीरा अंडरपास और रोड नंबर 40 पर जलभराव के कारण यातायात डायवर्ट कर दिया।
#WATCH | Haryana: Severe waterlogging witnessed in several parts of Gurugram, as the city continues to receive heavy rain.
(Visuals from Sheetla Mata Road) pic.twitter.com/1x42534NOk
— ANI (@ANI) July 9, 2025
बुधवार देर शाम तक नजफगढ़ में 60 मिमी, आया नगर में 50.5 मिमी, प्रगति मैदान में 37 मिमी और नॉर्थ कैंपस में 22 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, सफदरजंग वेधशाला में केवल 1.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। शाम तक मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट को रेड अलर्ट में बदल दिया और लोगों को सतर्क रहने को कहा गया।
एनसीआर के अन्य शहरों में भी स्थिति अलग नहीं रही। गुड़गांव में कई सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात धीमा रहा। एमजी रोड, सोहना रोड, सिग्नेचर टावर और इफको चौक जैसे व्यस्त इलाकों में वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए। सुभाष चौक इलाके में सड़क पर हुए जलभराव में एक एम्बुलेंस फंस गई। वहीं, कई इलाकों में घरों में पानी भर गया। नोएडा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
#WATCH | Haryana: Traffic slows down in several parts of Gurugram, following continuous rainfall and waterlogging in parts of the city.
(Visuals from the Cyber city area shot at around 10:55 pm) pic.twitter.com/Ze0P8TMaM7
— ANI (@ANI) July 9, 2025
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति पैदा हो गई। वहीं, कई कॉलोनियों और बाजारों में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त होने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
#WATCH मध्य प्रदेश: भारी बारिश के कारण विदिशा शहर के कई हिस्सों में जलभराव हुआ। pic.twitter.com/ELxB5KWhrG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2025
भारी बारिश के बाद उत्तराखंड के चमोली और बद्रीनाथ हाईवे पर भूस्खलन की स्थिति बनी रही। चमोली में बारिश के कारण कमेड़ा नंदप्रयाग और अन्य स्लाइड जोन पर रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं, जिससे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। वहीं, रुद्रप्रयाग में बद्रीनाथ हाईवे पर यात्रा करना मुश्किल हो गया है।
#WATCH | Rudraprayag, Uttarakhand | Landslide occurs at the Rudraprayag to Badrinath route. Restoration work underway. pic.twitter.com/ztu5P62e7x
— ANI (@ANI) July 9, 2025
यहां, जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर ही बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर बरस रहे हैं। जिससे हाईवे पर कई घंटों से जाम लगा हुआ है और चारधाम यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अल्मोड़ा ज़िले में भी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है, तो वहीं रानीखेत में बारिश के कारण बरसाती नाले उफान पर हैं, जिससे स्थानीय लोगों को आवाजाही में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर पहाड़ों से मलबा गिरने के कारण कई ग्रामीण रास्ते भी बीच में ही बंद हो गए हैं। फ़िलहाल, प्रशासन ने सभी जगहों पर जेसीबी मशीनें तैनात कर दी हैं, ज़िला प्रशासन और पुलिस हर समय सक्रिय है।
उत्तर-पूर्व में असम में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 29,000 से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं। अकेले गोलाघाट ज़िले में 23,000 से ज़्यादा लोग मुश्किल में हैं। 5,000 से ज़्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में बारिश के कारण लानवा और तुइथा नदियाँ उफान पर हैं। नेहसियाल वेंग और जौमुनुआम जैसे गाँवों में 100 से ज़्यादा घर पानी में डूब गए हैं और लोग सामुदायिक केंद्रों में शरण ले रहे हैं।
महाराष्ट्र के नागपुर में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। चंद्रपुर-भंडारा ज़िले में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ब्रह्मपुरी तहसील के 25 गाँवों का संपर्क टूट गया है। गोसीखुर्द बाँध के गेट खोलने के बाद वेनगंगा नदी में पानी बढ़ गया है। पिंपलगाँव गाँव के घरों में पानी घुस गया है और 14 लोगों को बचाया गया है।
महाराष्ट्र: भंडारा जिले में पिछले 42 घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदियाँ उफान पर हैं। वैनगंगा नदी खतरे के निशान से 1.5 मीटर ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। करधा पुल पानी में डूब गया है, जिससे 35 से ज़्यादा गाँवों का संपर्क टूट गया है। गोसीखुर्द बाँध के… pic.twitter.com/65F2IzZ40I
— IANS Hindi (@IANSKhabar) July 9, 2025
हिमाचल प्रदेश में स्थिति और भी गंभीर है। इस मानसून सीज़न में अब तक 31 अचानक बाढ़, 22 बादल फटने और 17 भूस्खलन की घटनाएँ सामने आई हैं। इन हादसों में अब तक 54 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में 174 सड़कें बंद हैं और 740 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान हुआ है। मंडी, ऊना और शिमला ज़िलों में सामान्य से 80 से 90 प्रतिशत ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है।
यह भी पढ़ें: कई राज्यों में बारिश से हाहाकार…UP-दिल्ली को इंतजार, हिमाचल में फिर हाई अलर्ट
राजस्थान के धौलपुर में मनिया कस्बे और NH 44 की गलियों में घुटनों तक पानी भर गया है। वहीं, जैसलमेर के पोखरण इलाके में बारिश से भरे गड्ढे में गिरने से एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। असके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट, रामघाट और अन्य धार्मिक स्थल डूबने लगे हैं। कई दुकानदारों का सामान तक बह गया है।