प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
केरल स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज की मानें तो अब तक कुल 675 लोग वायरस की निगरानी में हैं। इनमें सबसे अधिक मामले पलक्कड़ जिले से सामने आए हैं। हाल ही में पलक्कड़ जिले के मन्नारक्कड़ क्षेत्र में एक 50 साल के व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसे सांस लेने में तकलीफ थी। जब उसके सैंपल की जांच हुई तो पता चला कि वह निपाह वायरस से संक्रमित था।
राज्य में इस साल निपाह से दूसरी मौत होने की बात सामने आई है। इससे पहले मलप्पुरम जिले में इस वायरस से पहली मौत हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई राज्यों में अलर्ट घोषित किया गया है।
पूरे राज्य में निपाह वायरस के कुल 675 संभावित मामलों की पहचान हुई है। इन मामलों में मलप्पुरम से 210, पलक्कड़ से 347, कोझिकोड से 115, एर्नाकुलम से 2 और त्रिशूर से 1 मामला प्रकाश में आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि मलप्पुरम में एक मरीज की हालत गंभीर है और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया है। पलक्कड़ जिले में 12 मरीजों को आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है। इसके साथ ही 5 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, त्रिशूर, कन्नूर और वायनाड जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया है। मलप्पुरम में मास्क पहनना एक बार फिर अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही लोगों को अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर भीड़ से बचने की सलाह दी गई है। जिस भी इलाके में बुखार और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी के लक्षण दिखें वहां तत्काल सूचना देने का निर्देश दिया गया है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह एक जूनोटिक वायरस होता है। ये पहले जानवरों से इंसानों में फैलता है और फिर व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमण फैलता है। यह वायरस तेजी से फैलता है और गंभीर स्थिति में जानलेवा हो सकता है। राज्य में निपाह वायरस से अब तक दो लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि इन दोनों मृतकों के संपर्क में पहले 46 लोग आए थे, और वे 543 अन्य व्यक्तियों के संपर्क में आए जिससे वायरस का दायरा तेजी से बढ़ गया।