
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के तीन सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इन तीन सदस्यों में एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है। इन तीनों पर जम्मू-कश्मीर में बम, आईईडी और छोटे हथियारों के साथ आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
आरोपियों में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले के हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट उर्फ फुल्लाह उर्फ नूमी उर्फ नुमान उर्फ लंगडा उर्फ अली साजिद उर्फ उस्मान हबीब उर्फ शनि शामिल है। उसे पुंछ और राजौरी जिलों में विभिन्न आतंकवादी हमलों में शामिल पाया गया है। वहीं, आरोपियों में शोपियां के रहने वाले हिलाल याकूब देवा उर्फ सेठी सोआब और मुसियाब फैयाज बाबा उर्फ शोएब उर्फ जरार का भी समावेश है।
National Investigation Agency (NIA) today charge-sheeted three more persons, affiliated with an offshoot of the banned Lashkar-e-Taiba (LeT), for conspiring to unleash violent terrorist attacks with sticky bombs, IEDs and small arms. The charge-sheeted accused include a… — ANI (@ANI) January 9, 2024
उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत जम्मू में एनआईए विशेष अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया। एनआईए ने पिछले साल 21 जून को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और उसके बाद हुई जांच के उपरांत पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। यह मामला विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा हमले करके जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने और शांति को बाधित करने के लिए भौतिक रूप से और साइबरस्पेस में रची गई साजिश से संबंधित है।
अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और अन्य लोगों पर आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश रची थी। हबीबुल्लाह मलिक पाकिस्तान स्थित द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का एक सक्रिय कमांडर था। वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कमजोर कश्मीरी युवाओं को टीआरएफ/एलईटी में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में लगा हुआ था।
एनआईए की जांच के अनुसार, हबीबुल्लाह ने हिलाल और मुसियाब को कट्टरपंथी बनाया था, दोनों ने उसके लिए ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। हबीबुल्लाह के निर्देश पर दोनों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को सुविधाजनक बनाने और समर्थन करने के लिए उसके अन्य साथियों से धन और हथियार लेकर और पहुंचाने का काम किया था।
इस पूरी साजिश को जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रेरित करके और अन्य साथियों को संगठित करके आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की बड़ी योजनाओं का हिस्सा पाया गया। विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नए संगठन तैयार करने के साथ, एनआईए ने हाल के महीनों में इस क्षेत्र में अपनी कार्रवाई और जांच तेज कर दी है।
एनआईए की जांच के दायरे में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (ULFJ&K), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (MGH), जम्मू एंड कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (JKFF), कश्मीर टाइगर्स, PAAF और अन्य संगठन हैं। ये संगठन लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम), अल-बद्र और अल-कायदा से जुड़े हुए हैं। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और जम्मू-कश्मीर की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले इन संगठनों को रोकने के लिए अपने अभियान तेज कर दिए हैं।






